उद्धव ठाकरे ने शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे की विचारधारा को त्याग दिया – एकनाथ शिंदे

नागपुर। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि उद्धव ठाकरे ने शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे की विचारधारा को त्याग दिया इसलिए उन्होंने विद्रोह किया।
शिंदे ने रविवार को नागपुर के रामटेक में अपने पार्टी कार्यकर्ताओं की एक बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि वह मुख्यमंत्री नहीं बनना चाहते थे, लेकिन बाल ठाकरे की विचारधारा से समझौता होते देख उन्हें विद्रोह करना पड़ा।
मालूम हो कि एकनाथ शिंदे जून 2022 में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले संगठन से अलग हो गए थे और भाजपा के समर्थन से सरकार बनाई। मुख्यमंत्री ने शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे पर चुटकी लेते हुए कहा, बालासाहेब ठाकरे हमें (पार्टी पदाधिकारियों को) दोस्त मानते थे, लेकिन वह (उद्धव) हमें घरेलू नौकर समझते हैं।
उन्होंने आगे कहा कि एक पार्टी तब आगे बढ़ती है, जब नेता घर पर बैठने के बजाय जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं तक पहुंचते हैं। नरेंद्र मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाने के लिए लोगों से एनडीए को वोट देने का आह्वान करते हुए एकनाथ शिंदे ने कहा कि विपक्षी महा विकास अघाड़ी के पास विकास का न कोई एजेंडा है न ही कोई इरादा है।
शिंदे ने एयरपोर्ट पर मीडियाकर्मियों से कहा, एनडीए में पार्टियों के बीच सीट बंटवारे का विवरण दो से तीन दिनों में पूरा हो जाएगा। महायुति विदर्भ में सभी सीटें जीतेगी।
शिवसेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे के एक बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कि सीएम ने अपने बेटे को कल्याण से फिर से उम्मीदवार बनाना सुनिश्चित करने के लिए सहयोगियों को चार से पांच सीटें दे दीं, इस पर शिंदे ने कहा कि जो लोग इस तरह की आलोचना कर रहे हैं, उन्हें एमवीए में खींचतान को देखना चाहिए।