ड़की को आइटम कहना पड़ा महंगा, कोर्ट ने दोषी को 1.5 साल की जेल की सजा सुनाई

मुंबई. मुम्बई की एक पोक्सो (प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रेन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंस) कोर्ट ने एक नाबालिग लड़की का यौन उत्पीड़न करने के आरोप में एक व्यक्ति को डेढ़ साल जेल की सजा सुनाई है. आरोपी को सजा सुनाते हुए अदालत ने कहा कि किसी लड़की को आइटम कहना अपमानजनक है.
स्पेशल जज एसजे अंसारी ने कहा कि महिलाओं को अवांछित व्यवहार से बचाने के लिए इस तरह के अपराधों से सख्ती से निपटने की जरूरत है, क्योंकि ऐसे सड़क छाप रोमियो को सबक सिखाने की जरूरत है. अदालत ने पोस्को एक्ट के तहत दोषी को निजी मुचलके पर भी रिहा करने से इनकार कर दिया.
मामला 2015 का है जब अबरार खान नाम के एक शख्स पर मुंबई में एक नाबालिग लड़की का यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया गया था. तत्कालीन 16 वर्षीय नाबालिग लड़की की शिकायत थी कि खान और उसके दोस्तों ने उसे परेशान किया. वारदात वाले दिन जब वह स्कूल से लौट रही थी, तो आरोपी ने उसके बाल खींचे और पूछा कि वह (आइटम) कहां जा रही है. जब लड़की ने आरोपी को रुकने के लिए कहा तो उसने पुलिस को फोन करने पर गाली-गलौज करना शुरू कर दिया.
इसके बाद लड़की अपने पिता के साथ साकीनाका पुलिस स्टेशन पहुंची और घटना की शिकायत दर्ज कराई थी. पुलिस ने तब आईपीसी की संबंधित धाराओं के साथ-साथ यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज की थी. न्यायाधीश ने आरोपी अबरार खान को भारतीय दंड संहिता की धारा 354 और पॉक्सो अधिनियम की धारा 12 के तहत दोषी ठहराया और आरोपी को डेढ़ साल के साधारण कारावास के साथ-साथ 500 रुपये के जुर्माने की सजा भी सुनाई.