विद्यार्थी पालक संगठन ने उठाया सवाल, अवैध स्कूलों पर फौजदारी मामला कब?

मुंबई, मान्यता और अनुमति लिए बिना शुरू अवैध स्कूलों को कागजातों और खामियों को दूर करने के साथ ही अपना पक्ष रखने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा दी गई मियाद खत्म हो गई है। ऐसे में अब विद्यार्थी पालक संगठन ने सवाल उठाया है कि आखिरकार इन अवैध स्कूलों पर फौजदारी मामला कब से दर्ज कराने की प्रक्रिया शुरू होगी।

प्रदेश में चल रहे ८०० से अधिक अवैध स्कूलों को कागजात अथवा मौजूद खामियों को सुधारते हुए उसकी जानकारी प्रस्तुत करने के लिए २८ अप्रैल तक अवधि दी गई थी। हालांकि, शिक्षा विभाग द्वारा ऐसे स्कूलों को दी गई मियाद अब खत्म हो गई है। इसके बावजूद अभी तक ऐसे करीब साढ़े ६०० से अधिक स्कूल हैं, जिन्होंने स्कूलों की मान्यता को लेकर जानकारी उपलब्ध नहीं कराई है। इसलिए ऐसे स्कूलों पर तत्काल कार्रवाई करने की मांग महाराष्ट्र राज्य विद्यार्थी पालक महासंघ की प्रमुख दीपाली सरदेशमुख और फुले-शाहू-आंबेडकर पालक विद्यार्थी संगठन के अध्यक्ष प्रवीण यादव ने की है।

‘महाराष्ट्र राज्य विद्यार्थी पालक महासंघ’ की प्रमुख दीपाली सरदेशमुख के मुताबिक, अवैध स्कूल चलाकर करोड़ों रुपए एकत्रित करनेवाले संस्था संचालकों को धोखाधड़ी के मामले में तत्काल गिरफ्तार करना चाहिए। शिक्षा विभाग से मान्यता न लेते हुए अभिभावकों और सरकार के साथ जालसाजी करना यह गंभीर अपराध है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, वर्तमान में मुंबई उपनिदेशक कार्यालय के तहत ४१६ प्राथमिक और ९६ माध्यमिक स्कूल अवैध तरीके से शुरू हैं। इनमें से कुछ स्कूलों ने मियाद समाप्त होने से पहले अपने कागजातों को शिक्षा विभाग के समक्ष प्रस्तुत कर दिया है, जबकि अधिकांश स्कूल संस्थानों ने अभी तक इसकी पूर्ति नहीं की है। ऐसे में विभाग के अधिकारियों ने स्पष्ट संकेत दिए हैं कि इन अवैध स्कूलों पर कार्रवाई अटल है।

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