प्रतिदिन ८० हादसों में होती है ३७ की मौत

मुंबई, जितनी देर में आप इस रिपोर्ट को पढ़ेंगे, उतनी ही देर में देश में कोई न कोई सड़क किसी इंसान की जिंदगी निगल चुकी होगी। कम से कम तीन-चार जगहों पर सड़क हादसे में लोगों का खून सड़क पर बह चुका होगा। सड़क हादसे को लेकर जागरूक करने के लिए सरकार जनजागृति अभियान चलाती है लेकिन इससे लोगों को कोई फर्क नहीं पड़ता, जब तक कि उनका अपना कोई ऐसे हादसे का शिकार न हो जाए। राज्य में लापरवाही से वाहन चलाने वालों से अब ये सड़कें भी लहू मांगने लगी हैं। राज्य में रोजाना औसतन ८० सड़क दुर्घटनाओं में ३७ लोगों की मौत होती है और ६३ लोग जख्मी होते हैं।
परिवहन विभाग के आंकड़ों के मुताबिक साल २०२१ में राज्य में कुल २९,२९१ सड़क हादसे हुए, यानी रोजाना ८० से ज्यादा ब़ड़ी दुर्घटनाएं दर्ज की गईं। इन सड़क हादसों में कुल १३,३४६ लोगों ने अपनी जान गंवाई, जबकि २२,८७८ जख्मी हुए। वर्ष २०२० के मुकाबले २०२१ में सड़क हादसों और मृतकों की संख्या में इजाफा हुआ है और राज्य में सड़क हादसे में मरने वालों का आंकड़ा पिछले पांच सालों में सबसे ज्यादा था।
साल २०२० में राज्य में कुल २४,९७१ सड़क हादसे हुए थे, जिनमें ११,५६९ लोगों की मौत हुई थी, जबकि १९,९१४ लोग जख्मी हुए थे। कोरोना संक्रमण की शुरुआत से पहले यानी साल २०१९ में राज्य में सड़क हादसों की संख्या ज्यादा थी लेकिन मृतकों का आंकड़ा कम था। साल २०१९ में राज्य में हुए ३२,८७६ सड़क हादसों में १२,५६५ लोगों की मौत हुई थी, जबकि २८,८९८ लोग जख्मी हुए थे। साल २०१८ में राज्य में कुल ३५,७१७ सड़क हादसे हुए थे लेकिन इनमें से ४,३८६ हादसे ऐसे थे जिनमें कोई जख्मी नहीं हुआ था। इस साल राज्य में सड़क हादसों में १३,२६१ लोगों की मौत हुई थी।
राज्य में साल २०२१ में दोपहिया पर बिना हेलमेट सवारी कर रहे ४,९६६ लोगों की मौत हुई है, जिनमें चालकों के साथ पीछे बैठे यात्री भी शामिल हैं। मुंबई में हाल ही में दोपहिया पर पीछे बैठने वालों के लिए हेलमेट पहनना अनिवार्य बताते हुए उनसे जुर्माना वसूलने की प्रक्रिया शुरू की गई है। इसके बावजूद सोलापुर, नगर, कोल्हापुर, सातारा, चंद्रपुर, सांगली जिलों में २०० से ज्यादा ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनमें हेलमेट न पहनने वाले दोपहिया सवारों की मौत हुई है।