बांग्लादेशी आतंकियों के फर्जी आधारकार्ड बनानेवाला गिरफ्तार

लखनऊ, सहारनपुर जिले में स्थित देवबंद में नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) की टीम ने मंगलवार को छापा मारा है। छापेमारी की यह कार्रवाई संदिग्ध आतंकियों के आधार कार्ड बनाने के मामले में की गई है। एनआईए की टीम ने आधार कार्ड बनानेवाले एक शख्स को हिरासत में लिया है।
बता दें कि मध्य प्रदेश में ४ संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार किया गया था। इनकी निशानदेही पर ही एनआईए ने कार्रवाई की है।
मध्य प्रदेश के भोपाल में १३ मार्च को ४ संदिग्ध आतंकियों को एटीएस ने गिरफ्तार किया था। ये कार्रवाई ऐशबाग थाने से करीब २०० मीटर दूर फातिमा मस्जिद के पास बनी अहमद अली कॉलोनी के एक मकान पर की गई थी। यहां से २ संदिग्धों को हिरासत में लिया गया था। संदिग्धों से मिली जानकारी के आधार पर ४ अन्य को दूसरे इलाके से उठाया गया था। एटीएस के इस ऑपरेशन की जानकारी स्थानीय पुलिस को भी नहीं दी गई थी। एटीएस के अनुसार जिन ४ लोगों को गिरफ्तार किया गया था वे सभी बांग्लादेशी मूल के थे। सभी जमात-ए-मुजाहिदीन बांग्लादेश संगठन के लिए स्लीपर सेल तैयार कर रहे थे। भारत सरकार ने इस संगठन को प्रतिबंधित किया हुआ है। एटीएस सूत्रों ने बताया कि पकड़े गए संदिग्ध जेहादी गतिविधियों में संलिप्त थे और स्लीपर सेल तैयार कर रहे थे। जिनके माध्यम से भविष्य में गंभीर देशविरोधी घटनाओं को अंजाम दिया जा सके। एटीएस ने दावा किया है कि आरोपियों के पास से भारी मात्रा में जेहादी साहित्य, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण व संदिग्ध दस्तावेज मिले थे। आरोपी जमात-ए-मुजाहिद्दीन-बांग्लादेश (जेएमबी) के सक्रिय सदस्य थे। जमात-ए-मुजाहिदीन-बांग्लादेश एक आतंकवादी संगठन है। जिसके द्वारा साल २००५ में बांग्लादेश के ५० शहरों व कस्बों के ३०० स्थानों पर लगभग ५०० छोटे बम विस्फोट किए जाने का गंभीर आरोप है।