एक बार फिर रेपो रेट बढ़ाने पर विचार कर रहा है आरबीआई!

मुंबई, गत महीने महंगाई के मोर्चे पर मामूली राहत मिली है। फरवरी में खुदरा महंगाई दर में हल्की गिरावट देखने को मिली है। हालांकि, आरबीआई के तय लक्ष्य ६ फीसदी से यह अभी भी काफी ऊपर है। ऐसे में आरबीआई एक बार फिर रेपो रेट बढ़ाने पर विचार कर रहा है।
गौरतलब है कि फरवरी में देश की खुदरा महंगाई दर मामूली रूप से गिरकर ६.४४ फीसदी रही है। जनवरी में यह तीन महीनों के उच्च स्तर ६.५२ फीसदी पर थी। सोमवार शाम जारी सरकारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। हालांकि, महंगाई दर अभी भी आरबीआई के सहनीय स्तर से ऊपर है। आरबीआई का महंगाई को लेकर ऊपरी सहनीय स्तर ६ फीसदी है। इस तरह लगातार दूसरे महीने खुदरा महंगाई आरबीआई के सहनीय स्तर से ऊपर रही है। इसे देखते हुए आरबीआई रेपो रेट को बढ़ाकर सात वर्षों के उच्चतम स्तर तक पहुंचा सकता है।
फरवरी २०२३ में खाने-पीने की चीजों की महंगाई में मामूली बढ़ोतरी हुई है। फरवरी में फूड इन्फ्लेशन ५.९५ फीसदी पर रही। जनवरी में यह ५.९४ फीसदी थी। कुल उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में फूड बास्केट का ३९.०६ फीसदी हिस्सा होता है। हिंदुस्थान में तेज गर्मी का खतरा फूड प्रोडक्शन और कीमतों के लिए एक दूसरी चिंता की बात है। जनवरी महीने में खुदरा महंगाई ६.५२ फीसदी रही थी। इससे पहले दिसंबर में यह एक साल के न्यूनतम स्तर ५.७२ फीसदी पर थी। पिछले दो महीनों से बढ़ी हुई खुदरा महंगाई आरबीआई को ब्याज दरें बढ़ाने के लिए प्रेरित करेगी। आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की बैठक ६ अप्रैल को होनी है। इस बैठक में लगातार सातवीं बार एमपीसी ब्याज दरों को बढ़ा सकती हैं। आरबीआई की इस हफ्ते फेड के पैâसले पर भी नजर बनी हुई होगी। आरबीआई ने मई २०२२ से प्रमुख ब्याज दरों में २.५ फीसदी का इजाफा किया है। इससे रेपो रेट ६.५ फीसदी पर पहुंच गई है। अब यह बढ़कर ६.७५ फीसदी पर जा सकती है। ()