१८ लाख सरकारी कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर

मुंबई, महाराष्ट्र के लगभग १८ लाख सरकारी कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की मांग को लेकर कल मध्य रात्रि से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए। इसका सीधे असर आवश्यक सेवाओं पर पड़ेगा और सरकारी अस्पताल, स्कूल, कॉलेज, मनपा, अधिकांश सरकारी विभाग में कामकाज ठप हो जाएंगे, वहीं हड़ताल को रोक पाने में असफल रही राज्य सरकार ने हड़तालियों पर सर्जिकल ‘स्ट्राइक’ करने का मन पूरी तरह से बना लिया है। सरकार द्वारा हड़ताल में शामिल कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई और वेतन काटने की चेतावनी भी दी गई है।
राज्य में सरकारी-अर्द्ध सरकारी, शिक्षकेत्तर कर्मचारी संगठन समन्वय समिति की कल राज्य के मुख्य सचिव श्रीवास्तव के साथ बैठक हुई लेकिन बैठक में हुई चर्चा विफल रही। समिति ने कहा कि उन्हें निर्णय लेने का कोई अधिकार नहीं है। वे इस बारे में मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री को सूचित करेंगे। इसके बाद यह बैठक विफल हो गई। इसी पृष्ठभूमि में समन्वय समिति के संयोजक विश्वास काटकर ने कल प्रेस क्लब में पत्रकार वार्ता कर घोषणा की कि सरकारी कर्मचारी सोमवार, १२ बजे से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जा रहे हैं। एक सरकारी कर्मचारी अपने जीवन के ३० से ४० साल सरकारी सेवा में देता है। सरकारी कर्मचारी ही सरकार का रथ चलाते हैं। सरकारी योजनाओं, नीतियों को जन-जन तक पहुंचाता है। कोरोना काल में इन कर्मचारियों ने अपनी जान जोखिम में डालकर समाज के लिए काम किया। इसलिए उन्हें सेवानिवृत्ति के बाद सामाजिक सुरक्षा प्राप्त करने के लिए पुरानी पेंशन योजना प्राप्त करना अनिवार्य है। इसके अलावा राज्य सरकार इन कर्मचारियों की कई जरूरी समस्याओं को प्रलंबित रख रही है। इसमें पुरानी पेंशन के रूप में सेवानिवृत्ति के बाद की सुरक्षा को सरकार द्वारा वापस ले लिए जाने से हजारों कर्मचारियों में अपने भविष्य को लेकर असुरक्षा पैदा हो गई है। इसीलिए राज्य सरकार के कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जा रहे हैं।
आदेश दिया गया है कि हड़ताल को ध्यान में रखते हुए विभाग प्रमुख और कार्यालयीन प्रमुख किसी भी सरकारी कर्मचारी को हड़ताल समाप्त होने तक किसी भी प्रकार का अवकाश मंजूर न करें। इसके साथ ही छुट्टी पर चल रहे कर्मचारियों की छुट्टी रद्द कर तत्काल काम पर बुलाने के आदेश जारी कर दिए हैं।
हड़ताल में हिस्सा लेने पर संबंधित कर्मचारी की अनुशासनहीनता मानी जाएगी। ऐसे कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। सामान्य प्रशासन विभाग ने चेतावनी दी है कि हड़ताल में हिस्सा लेनेवाले कर्मचारी की सेवा में रुकावट आ सकती है। विभाग प्रमुखों और कार्यालय प्रमुखों को भी हड़ताल के दौरान मुख्यालय नहीं छोड़ने के निर्देश दिए हैं। ()