२०० रुपए के लिए यात्री की ले ली जान, आरोपी सिपाहियों के खिलाफ शिकायत दर्ज

मुंबई, दिवाली और छठ पूजा के मौके पर मुंबई व आसपास के क्षेत्रों में रहनेवाले उत्तर प्रदेश, बिहार के लोग अपने गांव जाने को परेशान हैं। ट्रेनों में आरक्षण नहीं मिलने से आरक्षित कोचों में अनारक्षित टिकट धारक यात्रियों की भीड़ हद से ज्यादा बढ़ने लगी है, जिसका नाजायज लाभ रेलवे पुलिस के भ्रष्ट लोग उठाने की कोशिश करते हैं। मुंबई मेल में रेलवे पुलिस (जीआरपी) के दो सिपाहियों ने इसी तरह के प्रयास के दौरान एक ३५ वर्षीय यात्री की जान ले ली। जीआरपी के जवान टिकट जांच के नाम पर उक्त यात्री से २०० रुपए की मांग करने लगे। आरोप है कि यात्री ने रुपए देने से इंकार किया तो सिपाहियों ने उसे चलती ट्रेन से नीचे फेंक दिया, इससे बुरी तरह घायल हुए यात्री की मौत हो गई। हालांकि इसके बाद भी आरोपी सिपाही दूसरे यात्रियों को धमकाते रहे, लेकिन यात्रियों के हंगामे के बाद विंध्याचल जीआरपी आरोपी सिपाहियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कर उनकी तलाश कर रही है। बता दें कि झारखंड के गिरिडीह जिला अंतर्गत आरोगारो गांव का रहनेवाला अरुण भुइया मुंबई से कोलकाता जानेवाली मुंबई मेल ट्रेन से अपने गांव जा रहा था। ट्रेन उत्तर प्रदेश के प्रयागराज अंतर्गत ऊंचडीह स्टेशन के पास से गुजर रही थी। उसी दौरान ट्रेन में सवार जीआरपी के दो सिपाहियों ने अरुण से २०० रुपए मांगे। अरुण द्वारा रुपए देने से इंकार करने पर सिपाही उससे झगड़ा करने लगे। उसी दौरान सिपाहियों ने अरुण को ट्रेन से नीचे फेंक दिया। ट्रेन से यात्री के फेंके जाने के बाद ट्रेन विंध्याचल स्टेशन पर रुकी। वहां यात्री के साथी यात्रियों ने घटना की जानकारी स्थानीय जीआरपी को दी, जिसके बाद संबंधित जीआरपी की टीम ने यात्री का शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा और प्रयागराज जीआरपी स्टेशन में सिपाही कृष्ण कुमार सिंह व आलोक कुमार पांडेय के खिलाफ गैरइरादतन हत्या, एससी-एसटी एक्ट एवं भ्रष्टाचार समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज कर दोनों को गिरफ्तार कर लिया है ।
बताया जा रहा है कि अरुण दिवाली और छठ पूजा के अवसर पर अपने गांव जा रहा था। मुंबई से घर के लिए निकलकर जब वो स्टेशन पर पहुंचा तो मुंबई मेल रवाना हो रही थी। इससे वह टिकट नहीं खरीद सका और ट्रेन में चढ़ गया। रास्ते में टीटीई से टिकट बनवाया और जनरल कोच में सवार हो गया। मुंबई मेल ट्रेन शुक्रवार की रात प्रयागराज के छिंवकी स्टेशन से रवाना हुई और ऊंचडीह स्टेशन के पास पहुंची थी, उसी दौरान छिंवकी स्टेशन पर तैनात जीआरपी सिपाही कृष्ण कुमार सिंह व आलोक कुमार पांडेय ट्रेन में चढ़कर यात्रियों का टिकट चेक करने लगे। अरुण के पास जब दोनों सिपाही पहुंचे और उससे टिकट मांगा तो टीटीई द्वारा बनाया गया टिकट उसने दिखाया। सिपाही टीटीई के टिकट मानने को तैयार नहीं थे। बोले २००-२०० रुपए दो तभी सफर कर सकोगे। इसी बात को लेकर बहस हो ही रही थी कि अचानक सिपाहियों ने अरुण को गेट से नीचे धक्का मार दिया। इस घटना के बाद यात्रियों ने चेन पुलिंग कर ट्रेन रोकी लेकिन तब तक ट्रेन बहुत दूर निकल गई थी। ट्रेन जब विंध्याचल स्टेशन पहुंची तो हंगामा होने लगा। स्थानीय पुलिस ने इसके बाद कार्रवाई शुरू की और शव बरामद किया।