पटाखों में छिपे हुए जहर, विशेष खयाल रखने की अपील

मुंबई, दिवाली से पहले किए गए एक रासायनिक परीक्षण में पटाखों में शोर के स्तर और रसायनों की मौजूदगी का आकलन अलग-अलग किए गए थे। इस परीक्षण के बाद आर्सेनिक, बेरियम, क्लोरीन, सल्फर जैसे अत्यधिक जहरीले पदार्थों के मौजूद होने का पता चला है। इसका परीक्षण करनेवाली संस्था ने महाराष्ट्र पुलिस और सरकार को पत्र लिखा है। इसके साथ ही अस्थमा रोगियों को अपना विशेष खयाल रखने की अपील भी की है।
‘आवाज फाउंडेशन’ ने महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एमपीसीबी) के साथ मिलकर पटाखों के शोर के स्तर का परीक्षण किया था। इसकी जांच में वे सभी पटाखे १२० डेसिबल की अनुमेय सीमा के भीतर पाए जाने की जानकारी फाउंडेशन की संयोजक सुमैरा ए. ने दी। उन्होंने बताया कि संस्था द्वारा स्वतंत्र रूप से किए गए एक परीक्षण में पटाखों में आर्सेनिक, बेरियम, सल्फर और क्लोरिन जैसे जहरीले रसायनों के होने का खुलासा हुआ है। यह रिपोर्ट आने के बाद संगठन ने पुलिस और राज्य सरकार को पत्र लिखकर उनसे अपील की है कि उच्चतम न्यायालय द्वारा प्रतिबंधित रसायनवाले पटाखों का महाराष्ट्र में किसी भी तरह से उत्पादन, बिक्री या इस्तेमाल करने से रोका जाए। इसके लिए नागरिकों से भी अपील करने की बात कही गई है।
मुंबई में कोविड के बाद सबसे ज्यादा तेजी से प्रदूषण के स्तर में बढ़ोतरी हुई है। मुंबई में वर्ष २०१९ में प्रदूषण कण पीएम २.५ का वार्षिक स्तर ३० रहा था। कोविड के समय इसमें सुधार हुआ और यह स्तर २३ पर आ गया, लेकिन २०२१ में यह स्तर बढ़कर ३४ पर पहुंच गया यानी इसमें ४८ फीसदी तक की बढ़ोतरी हुई है। इस वर्ष भी इसमें बढोत्तरी का अनुमान है। आइए जानते हैं कौन-सा पटाखा, कितना प्रदूषण फैलाता है?