मुंबई : बिना ओटीपी ही बैंक खातों से रकम उड़ा ले रहे हैं हैकर्स

मुंबई : साइबर फ्रॉड की घटनाएं प्रतिदिन सामने आ रही हैं। साइबर ठग नए-नए तरीके अपनाकर लोगों के अकाउंट खाली कर देते हैं। मौजूदा दौर के साइबर हैकर्स हिम्मती और हाईटेक हो गए हैं। अब बिना ओटीपी ही बैंक खातों से रकम उड़ा ले रहे हैं। हैकर्स इन दिनों फोन करके लोगों को बताते हैं कि आपका अकाउंट हैक किया जा रहा है। इसके कुछ ही मिनट बाद अकाउंट बैलेंस शून्य होने का मैसेज आपके मोबइल पर आ जाता है। ऐसे में आप घबरा जाते हैं और साइबर ठगी का नया खेल यहां से शुरू होता है।
दरअसल लोगों को जब इस बात की जानकारी होती है कि उनके खाते का बैलेंस शून्य हो चुका है तो वो अपनी रकम वापस पाने के लिए ठगों के आगे गिड़गिड़ाते हैं। ऐसे में ठग उन्हें आश्वासन देते हैं कि उन्हें कुछ रुपए वापस मिल सकते हैं अगर वो अपने मोबाइल पर आने वाला ओटीपी उन्हें बताएं। लोग इस झांसे में फंस जाते हैं और ओटीपी बता देते हैं। ओटीपी मिलते ही ठग रकम को अपने खाते में ट्रांसफर कर अपने मकसद में सफल हो जाते हैं। साइबर पुलिस का दावा है कि ओटीपी न बताने पर आपके खाते में रकम वापस लौट सकती है।
बता दें कि हैकर्स लोगों के अकाउंट को हैक कर उसमें मौजूद रकम की एफडी बनवा लेते हैं। इस एफडी की अवधि एक ही दिन की होती है। ऐसे में अपने मनसूबों को पूरा करने के लिए साइबर ठगों के पास कुछ ही घंटों का समय होता है। इस दौरान ओटीपी मिलते ही वे एफडी से रकम सीधे अपने खाते में ट्रांसफर कर लेते हैं। यदि आप ओटीपी नहीं बताते हैं तो आपके पैसे सुरक्षित हैं और १२ घंटों के अंदर आपके खाते में वापस आ जाते हैं।
एक दूसरे तरीके में साइबर ठग फोन कर आपको जानकारी देते हैं कि आपका पेटीएम या फोनपे आदि का केवाईसी वेरिफिकेशन नहीं हुआ है और अगर केवाईसी नहीं कराते हैं तो आपका खाता बंद कर दिया जाएगा। ऐसे में लोग ठग की बातों का यकीन कर लेते हैं और उनसे आगे का प्रोसेस पूछते हैं। कई बार लोग उन्हें घर पर आकर केवाईसी वेरिफिकेशन के लिए कहते हैं, लेकिन नए-नए बहाना बनाते हुए ठग ऑनलाइन वेरिफिकेशन पर जोर डालते हैं। इसके बाद वे आपसे क्विक सपोर्ट, टीम व्यूवर आदि ऐप डाउनलोड करने के लिए कहते हैं और आपसे आईडी पूछकर आपका फोन हैक कर लेते हैं। इसके बाद वे आपसे किसी दूसरे अकाउंट से पेटीएम या फोनपे आदि में एक रुपया डलवाते हैं और पैसे डालते ही उनका काम पूरा हो जाता है। क्योंकि आपका फोन हैकर्स ने हैक कर लिया होता है तो उन्हें आपके क्रेडिट कार्ड का पिन पता चल जाता है, जिसके बाद वे ट्रांजेक्शन कर आपके खाते से पैसे निकालने में सफल हो जाते हैं। साइबर एक्सपट्र्स का मानना है कि टीम व्यूवर या क्विक सपोर्ट जैसा कोई भी ऐप डाउनलोड करने से बचें और ऐप की आईडी केवल उन्हीं लोगों को दें, जिन पर आपको पूर्णत: विश्वास हो।