मुंबई : बंबई उच्च न्यायालय ने नवी मुंबई हवाई अड्डे के पास इमारतों की ऊंचाई में छूट के बारे में पूछा

मुंबई : बंबई उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) से यह जानना चाहा कि प्रस्तावित नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के आसपास इमारतों की ऊंचाई की पाबंदी में क्या कोई छूट दी गई है। मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति एम एस कार्णिक की खंड पीठ ने अधिवक्ता यशवंत शेनॉय द्वारा दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह कहा।

याचिका में मुंबई हवाई अड्डे के आसपास अधिक ऊंची इमारतों से (विमानों को) पैदा होने वाले खतरों को लेकर चिंता जताई गई है। शेनॉय ने बृहस्पतिवार को कहा कि मुंबई हवाईअड्डे के आसपास स्थिति ठीक नहीं की जा सकती लेकिन प्राधिकरणों ने प्रस्तावित नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के पास इमारतों की ऊंचाई पर लगी पाबंदी हटाने का निर्णय किया है।

शेनॉय ने सिटी एंड इंड्रस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन(सिडको) के उपाध्यक्ष एवं प्रबंधन निदेशक 30 जुलाई 2022 का एक प्रेस नोट सौंपा, जिसमें नवी मुंबई हवाई अड्डे के 20 किमी के दायरे में 55.1 मीटर से ऊंची इमारतों के निर्माण के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र पर सहमति जताने को लेकर केंद्रीय नागर विमानन मंत्रालय, एएआई और नागर विमानन महानिदेशालय की सराहना की गई है।

पीठ ने शेनॉय को उक्त नोट हलफनामे में संलग्न करने का निर्देश दिया। साथ ही, एएआई को 29 अगस्त तक जवाब देने को कहा, जब विषय पर फिर से सुनवाई की जाएगी। मुंबई जिला के उपनगरीय जिलाधिकारी ने भी उच्च न्यायालय को सूचित किया कि मुंबई हवाईअड्डा के पास उन आठ ढांचों के कुछ हिस्से एक महीने के अंदर ध्वस्त कर दिये जाएंगे जिन्होंने इमारतों के लिए अनुमति प्राप्त ऊंचाई के नियम का उल्लंघन किया है। पीठ ने बयान को स्वीकार कर लिया और जिलाधिकारी को 27 सितंबर को एक हलफनामा दाखिल कर इन आठ ढांचों के सिलसिले में की गई कार्रवाई की प्रगति के बारे में बताने का निर्देश दिया।