जन आक्रोश मोर्चा निकला, श्रम मंत्री ने दिखाई तानाशाही, पुलिस ने किया बल का प्रयोग

मुंबई, दिवाली मनाने के लिए निर्माणकार्य से जुड़े श्रमिकों को राज्य सरकार की तरफ से १० हजार रुपए बोनस दिए जाने और उनकी लंबित मांगों पर जल्द पैâसला किए जाने की मांग को लेकर कल जन आक्रोश मोर्चा निकला, जिसमें हजारों श्रमिक शामिल हुए। हालांकि उन्हें बोनस तो नहीं मिला, लेकिन पुलिस की लाठियां जरूर खानी पड़ीं। कोल्हापुर में तानाशाह श्रम मंत्री सुरेश खाडे के घर पर जा रहे मोर्चे को पुलिस ने बल प्रयोग करते हुए सांगली की सरहद पर रोक दिया।
निर्माण कार्य से जुड़े श्रमिकों के लिए स्थापित महामंडल के पास करोड़ों रुपयों की निधि पड़ी हुई है। इसमें से मजदूरों को दिवाली से पहले १० हजार रुपए बोनस दिए जाने की प्रमुख मांग की गई है। इसी को लेकर वंचित बहुजन माथाडी के ट्रांसपोर्ट व जनरल कामगार संगठन के नेतृत्व में श्रम मंत्री खाडे के सांगली स्थित आवास पर श्रमिकों ने मोर्चा निकाला था। हालांकि मोर्चे को भारी पुलिस बंदोबस्त के बीच सांगली में ही रोक दिया गया।
श्रमिकों की आक्रामक भूमिका अपनाए जाने के बाद निवेदन देने के लिए पुलिस ने सांगली तक इस मोर्चे को आने दिया। साथ ही पुलिस बंदोबस्त में ही सांगली शहर में स्थित डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर स्टेडियम पर पहुंचने के बाद सभी श्रमिकों को घेर लिया गया। इतना ही नहीं, उनके वाहनों को भी रोक दिया गया।
निर्माणकार्य श्रमिकों की लंबित मांगों को गंभीरता से लेते हुए आगामी १० दिनों में इस पर सरकार सकारात्मक पैâसला ले अन्यथा अब मंत्रालय पर यह मोर्चा पहुंचेगा। इस तरह की चेतावनी वंचित बहुजन माथाडी के ट्रांसपोर्ट व जनरल कामगार संगठन की तरफ से दी गई है।
राज्य के निर्माणकार्य श्रमिकों को बोनस मिले और मेडिक्लेम योजना फिर से शुरू कर उसमें इनके परिवारों को भी शामिल किया जाए। घर निर्माण के लिए अनुदान मिले। ६० साल की आयु पूरी होने पर श्रमिकों को पांच हजार रुपए पेंशन दी जाए। निर्माण कार्य पंजीयन पद्धति शुरू की जाए। निर्माण श्रम मंडल में स्वतंत्र कर्मचारी श्रेणी नियुक्त हो।