मां लक्ष्मी की पूजा से मिलेगी सुख-समृद्धि… दिवाली पर ग्रहों का बन रहा विशेष संयोग

वैदिक पंचांग के अनुसार इस साल दिवाली का त्योहार २४ अक्टूबर को मनाया जाएगा। इस दिन महालक्ष्मी, धन के देवता कुबेर की पूजा करने का विधान है। इस बार दिवाली पर ग्रहों के विशेष संयोग बन रहे हैं, जिससे इस दिन का महत्व और भी बढ़ गया है। बता दें कि इस दिन चंद्रमा बुध के साथ कन्या राशि में स्थित होंगे। साथ ही सूर्य और शुक्र तुला राशि में विराजमान रहेंगे। ऐसे में इस बार मां लक्ष्मी का पूजन सुख-समृद्धि देने वाला साबित हो सकता है। इस बार २४ अक्टूबर को प्रदोष और निशीथ काल में अमावस्या तिथि रहेगी। इसलिए पंचांग के मुताबिक २४ अक्टूबर को दीवाली मनाई जाएगी।
दिवाली के दिन प्रदोष काल शाम ५ बजकर ४२ मिनट से आरंभ हो रहा है। वहीं इस समय चर चौघड़िया रहेगा जो शाम ७ बजकर ३१ मिनट पर समाप्त हो जाएगा। साथ ही उसके बाद रोग चौघड़िया लग जाएगा। इसलिए लक्ष्मी पूजन शाम ६ बजकर ५४ मिनट से लेकर शाम ७ बजकर ३० मिनट से पहले आरंभ कर देना चाहिए। क्योंकि इस समय लग्न स्थिर है।
पूजा सामग्री – दिवाली का पूजन विशेष होता है। इसमें कुछ विशेष सामग्री भी होती है, जिसमें एक पूजा की चौकी, मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की प्रतिमा, रोली, कुमुकम, अक्षत, पान, सुपारी, नारियल, लौंग, इलायची, धूप, कपूर, अगरबत्तियां, मिट्टी, दीपक, रूई, कलावा, शहद, दही, गंगाजल, गुड़ कमल गट्टा, चांदी का सिक्का, फल और भोग के लिए मिठाई आदि। वहीं पूजन में इस बात का विशेष ध्यान रखें कि मां लक्ष्मी की मूर्ति खंडित नहीं होनी चाहिए।