नौसेना का जवानों को ढूंढ़ने के लिए फिर खोजी अभियान

मुंबई, भारतीय नौसेना ने अपने दो पर्वतारोही जवानों को ढूंढ़ने के लिए फिर खोजी अभियान शुरू किया है। पिछले साल सितंबर महीने में त्रिशूल शिखर सम्मेलन के दौरान हुए हिमस्खलन हादसे में दोनों जवान लापता हैं।‌ खोए हुए दोनों पर्वतारोहियों को वापस पाने के लिए डब्ल्यूएनसी द्वारा यह अभियान शुरू किया गया है।
उत्तराखंड के पश्चिमी कुमाऊं क्षेत्र में स्थित त्रिशूल चोटी पर ७,१२० मीटर चढ़ाई करने के लिए भारतीय नौसेना के पर्वतारोहियों ने पिछले साल सितंबर महीने में एक अभियान शुरू किया था। नेवी के पर्वतारोहियों की टीम घाट होते हुए त्रिशूल चोटी के लिए गई थी और इसी दौरान ये हादसा हो गया था। इस हादसे में लेफ्टिनेंट कमांडर रजनीकांत यादव, लेफ्टिनेंट कमांडर योगेश तिवारी, लेफ्टिनेंट कमांडर अनंत कुकरेती और नाविक हरिओम शहीद हो गए थे। खोजी और बचाव दल को इन जवानों के शव मिले थे जबकि दो जवानों का पता नहीं चल सका। एक नौसेना अधिकारी और शेरपा नामक जवान लापता हैं। खराब मौसम और सर्दी की शुरुआत के कारण १३ दिनों के गहन प्रयास के बाद तलाशी अभियान रोकना पड़ा था।
पर्वत में खोए हुए दो पर्वतारोहियों को पुनर्प्राप्त करने के लिए फिर खोजी अभियान शुरू किया गया है, जिसमें दोहराया गया है कि भारतीय नौसेना अपने किसी को पीछे नहीं छोड़ती है। इन शहीदों की याद में एक त्रिशूल स्मारक स्थापित किया गया है। कल फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ, वाइस एडमिरल अजेंद्र बहादुर सिंह और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने स्मारक पर मोमबत्तियां जलाकर श्रद्धांजलि अर्पित की। श्रद्धांजलि कार्यक्रम के दौरान बहादुरों के परिवार के सदस्यों को भी सम्मानित किया गया। लापता शेरपा के परिवार को राहत के तौर पर एक वित्तीय सहायता पैकेज दिया गया।