टेलीविजन चैनलों और डिजिटल प्लेटफॉर्म पर १०,००० करोड़ रुपए खर्च!

मुंबई, खेलों पर होनेवाले कुल विज्ञापन खर्च में से इस साल टेलीविजन चैनलों और डिजिटल प्लेटफॉर्म पर १०,००० करोड़ रुपए खर्च होने की उम्मीद है। इसमें से ९० फीसदी राशि क्रिकेट स्कूपिंग के लिए होगी। क्रिकेट में ६,००० करोड़ का बड़ा हिस्सा आईपीएल (टूर्नामेंट के महिला संस्करण सहित) में जाएगा। मीडिया उद्योग के विशेषज्ञों का अनुमान है कि खेल विज्ञापन इस वर्ष देश के कुल विज्ञापन व्यय का १२-१३ फीसदी हो सकता है।
वर्ष २०२२ की अंतिम तिमाही के बाद से टेलीविजन पर क्रिकेट को मिली अच्छी रेटिंग से विज्ञापनदाताओं को प्रोत्साहन मिला है। यही एक कारण है कि टीवी और डिजिटल पर आईपीएल विज्ञापन राजस्व में पिछले सीजन की तुलना में ४० फीसदी की मजबूत वृद्धि की उम्मीद है। आईपीएल से अनुमानित ६,००० करोड़ रुपए में से ३,५००-४,००० करोड़ रुपए टेलीविजन चैनलों को मिलेंगे, जबकि डिजिटल को २,०००-२,५०० करोड़ रुपए मिलने की उम्मीद है। वहीं वर्ष २०२३ की शुरुआत भारत के आईसीसी महिला अंडर-१९ टी-२० विश्व कप जीतने के साथ हुई। वर्तमान में आईसीसी महिला टी-२० विश्व कप और भारत-ऑस्ट्रेलिया बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी मैच चल रही है। पहले के ब्रॉडकास्टर स्टार स्पोर्ट्स को थम्स अप, एमवे, जिंदल स्टील एंड पावर, गूगल, एचडीएफसी लाइफ, कजारिया और पॉलिसी बाजार में सात स्पांसर मिले हैं। भारत-ऑस्ट्रेलिया मैच के लिए स्टार ने अपने स्पांसरों में मारुति सुजुकी, मास्टरकार्ड, फार्मईजी और पैसा बाजार को सूचीबद्ध किया है। महिला आईपीएल (डब्ल्यूपीएल) अगले महीने के लिए निर्धारित है और इसके बाद पुरुषों का आईपीएल होगा। वर्ष के बीच में आईसीसी पुरुष क्रिकेट विश्व कप भी दिखाई देगा, जिसकी मेजबानी भारत में की जाएगी। इस बीच एशिया कप २०२३ क्रिकेट प्रशंसकों के लिए एक ट्रीट बनेगा।
पिछले सप्ताह वायाकॉम१८ स्पोर्ट्स के सीईओ अनिल जयराज ने कहा कि वे साल २०२३ में डिजिटल विज्ञापन टेलीविजन पर खर्च करनेवालों से आगे निकल रहे हैं। टेलीविजन चैनल को विज्ञापन राजस्व में ३,००० करोड़ से अधिक की कमाई की उम्मीद है, जो पिछले सीजन में डिजिटल से अर्जित राशि का दोगुना है। मीडिया पर नजर रखनेवालों का मानना है कि जियोसिनेमा द्वारा आईपीएल की मुफ्त स्ट्रीमिंग के साथ इस साल निश्चित रूप से पहुंच काफी व्यापक होगी। इलारा वैâपिटल के एसवीपी करण तौरानी ने कहा कि आईपीएल के बड़े विज्ञापन खर्च को आकर्षित करने का एक कारण यह है कि खेलों की संख्या में २० फीसदी की अच्छी वृद्धि हुई है। वे मानते हैं कि आईपीएल ही अकेले टीवी पर लगभग ७५ फीसदी खेल विज्ञापन खर्च लाता है। इस साल का आईपीएल हानिकारक होगा, क्योंकि पहली बार टेलीविजन और डिजिटल अधिकार दो अलग-अलग मीडिया कंपनियों के पास हैं। इसके परिणामस्वरूप विज्ञापन डॉलर के लिए कड़ी प्रतिस्पर्धा होगी।

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