पहले की तरह अब होली खेलने को लेकर लोगों के मन में उत्साह नहीं

मुंबई, रंगोत्सव के दिन बच्चों से लेकर बड़े-बुजुर्ग तक रंगों से सराबोर होते हैं। देश में अलग-अलग क्षेत्र में विभिन्न तरीके से होली खेली जाती है। पहले के समय में लोग १० से १५ दिन पहले ही रंगों से होली खेलना शुरू कर देते थे लेकिन अब इसमें समय के साथ बदलाव हो रहा है। हालांकि, महंगाई की ऐसी मार पड़ी है कि आम आदमी से लेकर कारोबारी तक परेशान दिख रहे हैं। ग्राहक अपनी जेब खाली करना नही चाहते हैं, वहीं कारोबारियों को उनका दिनभर इंतजार करना पड़ रहा है, जिससे कारोबार बेरंग सा हो गया है।
व्यापारियों का कहना है कि त्योहार से एक दिन पहले ही लोग रंग और गुलाल खरीदते हैं। इस साल पहले की अपेक्षा दुकानदारों की भी बिक्री कम हुई है। व्यापारियों के अनुसार, इसका एक कारण महंगाई भी है। पहले की अपेक्षा कुछ सालों से रंग, गुलाल और पिचकारी के मूल्य लगातार बढ़ रहे हैं। इनके मूल्य में प्रतिवर्ष १० से १५ प्रतिशत वृद्धि हो रही है।
पिछले चार-पांच वर्षों में होली के त्योहार पर रंग-गुलाल, पिचकारी और मिठाई की बिक्री पर काफी असर हुआ है। पहले जहां त्योहार से १५ दिन पूर्व रंग, गुलाल व पिचकारी की बिक्री शुरू हो जाती थी। अब लोग एक दिन पहले होली खेलने के लिए पिचकारी आदि खरीदते हैं। उन्होंने बताया कि आज के समय में इंसान की व्यस्तता भी इसका एक मुख्य कारण बन गई है। होली खेलना अब लोगों ने अपने समय के हिसाब से शुरू कर दिया है। पहले की तरह अब होली खेलने को लेकर लोगों के मन में उत्साह नजर नहीं आता है। उन्होंने बताया कि इसका सीधा-सीधा असर व्यापारियों पर भी देखने को मिल रहा है। ()