टीबी मुक्त करने के पहल पर जोरदार तरीके से काम

मुंबई, मनपा व्यापक और प्रभावी उपायों को चलाकर मुंबई को टीबी मुक्त करने के पहल पर जोरदार तरीके से काम कर रही है। इसी क्रम में गुप्त टीबी को निर्बल करने के लिए अपना बल दिखाते हुए मनपा अब शहर में विशेष उपक्रम चलाने जा रही है। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक इस उपक्रम के तहत मरीजों के निकट संबंधियों की भी इंटरफेरॉन गामा रेडियोइम्यून एसे (आईजीआरए) जांच होगी, जो पूरी तरह से मुफ्त होगी। मनपा की कार्यकारी स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मंगला गोमारे ने बताया कि इस उपक्रम की शुरुआत हाल ही में कर दी गई है।
मुंबई हिंदुस्थान का सबसे बड़ा और घनी आबादीवाला शहर है इसीलिए मुंबई जैसे शहर में टीबी रोग के प्रसार को रोकने और टीबी मुक्त मुंबई के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा सभी स्तर के उपायों को व्यापक, प्रभावी और नियमित रूप से लागू किया जा रहा है। केंद्रीय टीबी रोग विभाग के दिशा-निर्देशों के अनुसार स्वास्थ्य विभाग अब इस उपक्रम के तहत निदान किए गए टीबी रोगी के निकट संपर्क, करीबी सहयोगियों और परिवार के सदस्यों का चिकित्सकीय परीक्षण करेगा। आईजीआरए यह आधुनिक चिकित्सा परीक्षण नि:शुल्क है। ‘गुप्त टीबी’ के लिए की जानेवाली आईजीआरए चिकित्सा परीक्षण रिपोर्ट निगेटिव पाई जाती है तो व्यक्ति को टीबी संक्रमण नहीं होने की जानकारी दी जाती है। हालांकि अधिक प्रभावी निवारक उपाय के तौर पर व्यक्ति की अगले दो वर्षों तक नियमित रूप से टीबी की जांच की जाएगी, जो प्रत्येक छह माह में एक बार किया जाएगा। हालांकि यदि आईजीआरए चिकित्सा परीक्षण रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो संबंधित व्यक्ति को १२ सप्ताह तक सप्ताह में एक बार टीबी निवारक चिकित्सा (टीपीटी) दी जाएगी। साथ ही टीबी संक्रमण की स्थिति के अनुसार अगले दो वर्षों तक व्यक्ति को नियमित संपर्क में रखा जाएगा।
गुप्त टीबी रोग से पीड़ित व्यक्ति के शरीर में इसके जीवाणु सुस्त अवस्था में पड़े रहते हैं। साथ ही इस विकारवाले लोगों में ऐसे लक्षण नहीं होते हैं, जो आमतौर पर टीबी में देखे जाते हैं। हालांकि गुप्त टीबी से संक्रमित व्यक्ति के भविष्य में ‘सक्रिय टीबी’ विकसित होने की संभावना अधिक होती है।
डॉ. मंगला गोमरे ने बताया कि मनपा ने आईजीआरए चिकित्सा परीक्षण के लिए एक निजी प्रयोगशाला के साथ समझौता किया है। इस समझौते के तहत संबंधित प्रयोगशाला द्वारा स्वस्थ व्यक्तियों की सूची लेना, उनसे संपर्क करना, उनके घर जाना और खून के नमूने लेना, परीक्षण करना और परीक्षण की रिपोर्ट जिला टीबी रोग अधिकारी को दिया जाएगा।