राजनीतिक लाभ के लिए देश में अशांति पैदा की जा सकती है – प्रकाश आंबेडकर

मुंबई, वंचित बहुजन आघाड़ी के अध्यक्ष प्रकाश आंबेडकर ने एक महत्वपूर्ण मांग की है। लोकसभा चुनाव तक देश के ५ प्रमुख धार्मिकस्थलों की सुरक्षा की जिम्मेदारी एनएसजी या सशस्त्र बलों को दे दी जाए, क्योंकि चुनाव से पहले राजनीतिक लाभ के लिए देश में अशांति पैदा की जा सकती है और मंदिरों का उपयोग उस उद्देश्य के लिए किया जा सकता है, ऐसा दावा आंबेडकर ने किया है। प्रकाश आंबेडकर ने कहा कि जब लोकसभा के विशेष सत्र की घोषणा की गई तो हमने वंचित बहुजन आघाड़ी की ओर से अपनी भूमिका रखी थी कि यह एक फोटो सत्र है, जो एजेंडा कल सामने आया। उससे लग रहा है कि कहीं कोई गंभीर बिल नहीं है। राज्यसभा से मंजूर बिल को लोकसभा में मंजूरी दिलाना ही एकमात्र एजेंडा है। इसलिए दो हजार की नोटबंदी का दूसरा निर्णय हुआ तो चुनाव नवंबर में हो सकता है, ऐसी संभावना वंचित बहुजन आघाड़ी ने व्यक्त की है। इन दोनों के संदर्भ में २५ तारीख तक स्पष्ट होने की संभावना है।
पिछले नौ वर्षों की राजनीति पर नजर डालें तो एक समाज पर अत्याचार किया जा रहा है, जिसके माध्यम से आतंक निर्माण करने की कोशिश की जा रही है, ऐसी परिस्थिति है। बीच के दौर में औरंगजेब के नाम पर विवाद को बढ़ाने की कोशिशें की गई थीं, लेकिन वंचित बहुजन आघाड़ी के कारण विवाद वहीं थम गया है। अब मराठी विरुद्ध ओबीसी ऐसा विवाद पैदा करने की कोशिश होती दिखाई दे रही है। मतलब देश में अशांति कैसे रहेगी, इसका प्रयत्न शुरू है। लोकसभा और विधानसभा चुनाव नजदीक हैं।
वंचित बहुजन आघाड़ी को मिली जानकारी के आधार पर प्रकाश आंबेडकर ने दावा किया है कि हिंदुओं के धार्मिकस्थलों पर हमला किया जा सकता है, जिन मंदिरों पर हमले की संभावना है, उसमें वाराणसी में ज्ञानवापी, अयोध्या में रामजन्मभूमि मंदिर, मथुरा का कृष्ण जन्मस्थान मंदिर, जम्मू कटरा में वैष्णो देवी मंदिर, दिल्ली में स्वामीनारायण मंदिर, अक्षरधाम मंदिर का समावेश है। भारतीय जनता पार्टी और आरएसएस की प्रवृत्ति धार्मिक ध्रुवीकरण की है।