दिवाली और छठ पर टिकटों की मारामारी!

नई दिल्ली, दिवाली और छठ पर घर जानेवालों के लिए टिकटों की मारामारी हर साल रहती है। यात्रियों की भीड़ बढ़ने से ट्रेनों में, बसों में और हवाई जहाज में टिकटों की डिमांड बढ़ जाती है। टिकटों की मांग बढ़ने से किराए में बढ़ोतरी हो जाती है। त्योहारों के दौरान फ्लाइट टिकटों के किराए में बढ़ोतरी हो जाती है लेकिन इस बार तो बसों के टिकटों के दाम भी आसमान छू रहे हैं। मुंबई, पुणे से चलनेवाली लग्जरी बसों के टिकटों के दाम फ्लाइट टिकटों से भी महंगे बिक रहे हैं। ऐसे में दिवाली और छठ पर जानेवाले लोग कह रहे हैं कि अब बढ़ती महंगाई के बीच मुलुकवा वैâसे जाई? क्योंकि ट्रेनों में सीट नहीं है और बस का किराया भी हाई हो गया है।
महाराष्ट्र के पुणे से अलग-अलग शहरों के लिए लग्जरी बसें चलती है। इन बसों का किराया ३,५०० रुपए के पार जा चुका है। ट्रेनों में कंफर्म टिकट के अभाव में लोग बसों से सफर का रुख कर लेते हैं लेकिन बसों का किराया भी आसमान छू रहा है, जो टिकट १,५०० से २,००० रुपए में मिल जा रहा था, उसके दाम अब ३,५०० से ३,७०० रुपए तक पहुंच गया है। जिस किराए में लोग फ्लाइट टिकट की एडवांस बुकिंग कर लेते थे, अब उन्हें बस की टिकटों के लिए अधिक पैसा चुकाना पड़ रहा है।
यात्रियों का कहना है कि रेलवे स्टेशनों पर सीमित संख्या में ट्रेनों की उपलब्धता के कारण प्राइवेट लग्जरी बस चालकों की मनमानी बढ़ गई है। दिवाली-छठ पर घर जानेवालों की मुसीबतें बढ़ गई है। उनसे मनमाना किराया वसूला जा रहा है, वहीं ट्रैवल्स एजेंसियों का कहना है कि त्योहारों के दौरान किराया हर साल बढ़ाया जाता है। हर दिन पुणे से महाराष्ट्र के अलग-अलग शहरों में बसों को चलाया जाता है। कभी बसें खाली तो कभी भरी हुई जाती हैं। कई बार तो बिना यात्रियों के ही बसें लौटती हैं। मॉनसून में ऑफ सीजन के दौरान बसों के संचालन में उन्हें भारी नुकसान का सामना करना पड़ता है, जिसे मैनेज करने के लिए त्योहारों, फेस्टिव सीजन में किराए में बढ़ोतरी की जाती है। जहां यात्री किराया बढ़ोतरी से परेशान हैं तो वहीं लग्जरी बसों के संचालकों की अपनी समस्याएं बता रहे हैं। मौजूदा हालत ये हैं कि बसों से सफर करने के लिए यात्रियों को फ्लाइट टिकटों से अधिक किराया चुकाना पड़ रहा है।