गूंगा और बहरा बताने की कोशिश करते थे चोर, मुंबई पुलिस ने ऐसा क्या किया तोते की तरह बोलने लग गए?

मुंबई, पुलिस के सामने गूंगा भी बात करने लगता है। यह कहावत तो आपने सुनी होगी। लेकिन मुंबई पुलिस ने इस कहावत को सच करके दिखाया है. दादर पुलिस ने दो ऐसे चोरों को पकड़ा जो पहले तो लाखों की चोरी करते थे और अगर पकड़े जाते थे तो खुद को गूंगा और बहरा बता कर सहानुभूति पाते हुए बच निकल जाने की कोशिश करते थे। ये दोनों चोर कर्नाटक से मुंबई सिर्फ चोरी करने के लिए ही आते थे और चोरी करते ही वापस कर्नाटक भाग जाते थे।
चंद्रू 25 साल का और किरण मुर्गेश 19 साल का है. ये दोनों मूल रूप से कर्नाटक के रहने वाले है और मुंबई में कई चोरियों को अंजाम दे चुके हैं।
किरण मुर्गेश को पुलिस ने चोरी करते समय ही पकड़ लिया था जिसकी वजह से उसकी चोरी पूरी नहीं हो पाई तो वही, दादर में रहने वाले मिथुन बनगे ने 24 अक्टूबर को लक्ष्मी पूजा के दिन अपने घर के जेवरात और गहनों को बाहर निकाला और उनकी पूजा की। 25 तारीख की सुबह जब उनका परिवार सो रहा था तभी अचानक मिथुन बनगे की आंखें खुलीं और उन्होंने देखा कि कोई अनजान शख्स उनके घर से वह गहने और जेवरात चुरा कर भाग रहा है. मिथुन बनगे ने तुरंत शोर मचाना शुरू किया।
चोर सामान लेकर कुछ दूर भागा ही था कि लोगों ने उसे पकड़ कर खूब पीटा। इस दौरान वहां पुलिस भी आ गई। पुलिस और बाकी लोगों को देखकर चोर ने हाथों के इशारों से बात करना शुरू कर दिया और खुद को गूंगा और बहरा साबित करने की कोशिश करने लगा। इसके बाद चंद्रू और किरण को पुलिस ईएनटी स्पेशलिस्ट के पास ले गई और दोनो की पूरी जांच कराई गयी. ईएनटी स्पेशलिस्ट ने चेकअप किया तो यह स्पष्ट हो गया कि दोनों बोल और सुन सकते हैं।
किरण और चंद्रु दोनों अलग जगह चोरियां कर रहे थे लेकिन पकड़े जाने के बाद दोनों ने गूंगा और बहरा बनने की एक्टिंग की, जिस वजह से पुलिस को शक हुआ कि ये दोनों एक ही गैंग से ताल्लुक रखते हैं और एक दूसरे के साथी हैं।
चंद्रु जिस घर में चोरी करने गया था वह घर एक बिल्डिंग के पांचवी मंजिल पर था। अब पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि चंद्रू को कैसे पता चला की उस घर में पूजा के लिए लॉकर से बाहर निकाल कर जेवरात रखे हैं? कौन उसके साथी हैं, जो इसमें उसकी मदद कर रहे हैं? इसके साथ ही, इनके अलावा और कितने लोग हैं जो इनके साथ सिर्फ चोरी करने के लिए मुंबई आए हैं या आते थे?