संकटग्रस्त लोगों की वेदना, दर्द जानने लिए दौरा होना चाहिए – शरद पवार ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर कसा तंज

मुंबई, राजनेताओं द्वारा साधारण तौर पर संकटग्रस्त लोगों की वेदना, दर्द जानने लिए दौरा होना चाहिए। इस दरम्यान स्वागत-सत्कार नहीं होना चाहिए। ऐसा `तीखा’ तंज अप्रत्यक्ष रूप से तंज राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर कसा।
राज्य के कई क्षत्रों में अतिवृष्टि के कारण सत्तापक्ष और विरोधी दल के लोगों द्वारा संबंधित क्षेत्र का दौरा किया जाता है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे कई भागों का दौरा कर रहे हैं, लेकिन उनका इस दौरे में शिवसेना के बागी विधायकों के निर्वाचन क्षेत्र में होने का आरोप हैं। इस संदर्भ में मीडिया द्वारा पूछे जाने पर शरद पवार ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शाब्दिक चुटकी ली। वे कल नासिक में आयोजित पत्रकार परिषद में बातचीत कर रहे थे।
इस अवसर पर शरद पवार ने मुख्यमंत्री और विरोधी दल के नेताओ के दौरों को स्पष्ट किया। मुख्यमंत्री महाराष्ट्र का दौरा कर रहे हैं, यह अच्छी बात है, उन्हें कहां जाना है, यह उनका मामला है। प्रतिपक्ष के नेता अजीत पवार ने भी दौरा शुरू किया है। जिन क्षेत्रों में किसानों का नुकसान हुआ है, उन क्षेत्रों का दौरा अजीत पवार ने किया है। विरोधी दल के दौरे में स्वागत सत्कार कहीं भी नहीं दिखाई दिया। इससे आपको सीखना चाहिए। ऐसा शरद पवार ने कहा। शिंदे-फडणवीस सरकार के भविष्य के बारे में शरद पवार की व्यक्तिगत राय पत्रकारों ने पूछी। इस पर शरद पवार ने कहा कि हम किसी भी परिस्थिति के लिए तैयार हैं। सरकार गिरेगी या नहीं गिरेगी, इस बारे में मेरे पास कोई जानकारी नहीं है। मैं ज्योतिषी नहीं हूं।
राज्य में पुन: चुनाव हुआ तो हम तैयार हैं, नहीं हुआ तो राज्य वैâसे चल रहा है? इस पर बारीकी से नजर रखेंगे। जहां पर कमी या गलती दिखाई दी, उस समय वैसी भूमिका लूंगा, ऐसा शरद पवार ने कहा। राज्य में ९२ नगरपालिकाओं और नगर पंचायत का चुनाव बिना आरक्षण चुनाव कराना मतलब एक बड़ा वर्ग को सत्ता, प्रशासन से बाहर फेंकना है, ऐसा शरद पवार ने कहा।