माहिम किला के जीर्णोधार रास्ता साफ… 222 परियोजना प्रभावितों को कुर्ला और मलाड में मिलेगा घर

मुंबई : धरोहर के रूप में माहिम किले का जीर्णोधार किया जा रहा है। माहिम किले के परिसर में बसे झोपड़ा धारकों को मलाड और कुर्ला में घर देकर उनका पुनर्वसन किया जाएगा।इस परिसर में कुल 222 झोपड़ा धारक है जिन्हे कुर्ला और मलाड में घर देकर इस किले का विकास किया जाएगा। माहिम किला 3796,02 वर्ग मीटर के क्षेत्र में फैला है।मनपा सहायक आयुक्त किरण दिघावकर ने बताया की इस किले का सौंदर्यीकरण में परियोजना प्रभावितों को घर देकर इस किले का विकास किया जाएगा। परिसर में बसे झोपड़ा धारकों से पास पास के परिसर में खाली कर किले का विकास कार्य किया जाएगा।किले के परिसर में कुल 267 झोपड़ा धारक थे जिसमे 222 झोपड़ा धारक पात्र हुए है।मनपा ने किले का जीर्णोधार करने के लिए सलाहकार की नियुक्ति की है ।परिसर में मनपा इको फ्रेंडली ओपन जिम का भी निर्माण करेगी। परिसर में रेत डालकर उसे समुद्र के किनारे का लुक दिया जाएगा।किले के संवर्धन को लेकर मनपा निधि उपलब्ध कराने वाली है। इसके पहले माहिम किला का सौंदर्यीकरण किया जा चुका है।
सैनिकों की दृष्टि से महत्वपूर्ण माहिम किला एक समय समुद्र मार्ग से सुरक्षा का मुख्य केंद्र माना जा रहा था अनेक ऐतिहासिक घटनाओं का साक्षीदार के रूप में माहिम किला को जाना जाता है जिसे देखने के लिए मुंबई सहित महाराष्ट्र और देश विदेश के लोग आते है।लेकिन किला के पास बने झोपड़ों से इसका पूरा सौंदर्य ही खत्म हो गया था। इतना ही नही किला परिसर में झोपड़ा बन जाने से पास के परिसर में गंदगी भी बहोत हो गई थी। जिसके चलते पर्यटक इस परिसर में जाने से घबराते थे । मनपा ने इसी के चलते किले का संवर्धन करने का निर्णय लिया ।
किले का निर्माण 1140 से 1141 के दरम्यान किया गया था। किले के आस पास 1970 से झोपड़ी बन गई है और बड़ी संख्या में लोग रहने लगे थे। मनपा ने झोपड़ा धारकों को परियोजना प्रभावित के रूप में 300 वर्ग फुट का लोगो को घर देकर इस परिसर का विकास करेगी। 222 पात्र झोपड़ा धारकों को कुर्ला और मलाड में घर दिया जाएगा। मलाड में 153 और कुर्ला में 69 घर दिया जाएगा।झोपड़ा धारकों को लॉटरी निकालकर घर दिया जाएगा।