बरसात ने बिगाड़ा शहर का सौंदर्य!, शहर में गड्ढों की भरमार

मुंबई, वसई-विरार शहर एक पर्यटन स्थल माना जाता है। यहां महाराष्ट्र समेत अन्य राज्य से मौज मस्ती और धार्मिक कार्यक्रम के लिए बड़ी संख्या में सैलानी आते हैं। वसई-विरार के उत्तर में वैतरना नदी, दक्षिण में वसई खाड़ी और पश्चिम में अरब सागर की खाड़ी के अलावा पूर्व में घने जंगलों के बीच तुंगार की ऊंची पहाड़ियों पर विराजमान भगवान भोलेनाथ का तुंगारेश्वर मंदिर, जीवदानी मंदिर के कारण यह शहर एक पर्यटन स्थल के रूप में जाना जाता है लेकिन इन दिनों वसई-विरार की पहचान गड्ढों के शहर या फिर अवैध निर्माण के शहर के रूप में हो रही है। पिछले दो दिनों से हुई मूसलाधार बारिश ने शहर की सड़कों की सुंदरता बदल दी है।
३ जुलाई २००९ को वसई- विरार शहर मनपा की स्थापना हुई थी। रविवार को वसई-विरार शहर मनपा ने १३ वर्ष पूरे कर लिए। इस मनपा में पहले आयुक्त के रूप में किशोर बोर्डे ने पदभार संभाला था। वर्तमान में कमिश्नर की कुर्सी पर अनिल कुमार पवार आसीन हैं। इस कार्यकाल के बीच कई कमिश्नर बदले गए लेकिन इस शहर के हालात नहीं बदले, न ही यहां की सड़कें गड्ढामुक्त हुईं, न ही अवैध निर्माण रुके।
वसई-विरार शहर मनपा द्वारा प्रतिवर्ष सड़कों की मरम्मत को लेकर करोड़ों का ठेका दिया जाता है लेकिन स्थानीय सत्ताधारियों और कुछ भ्रष्ट अधिकारियों की मिलीभगत से किए गए विकास कार्य हर वर्ष बरसाती पानी में बह जाता है। इस मामले को लेकर आज तक प्रशासन की ओर से संबंधित ठेकेदार पर कार्रवाई न किया जाना कई सवाल खड़े कर रहा है।
वर्तमान में क्षेत्र की सड़कों की हालत ऐसी है कि सड़क कम गड्ढे ज्यादा नजर आ रहे हैं। इन गड्ढों में गिरकर आए दिन वाहन चालक दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं लेकिन मनपा प्रशासन की खामोशी की वजह से ठेकेदार अपनी मनमानी करता है। इसके अलावा बड़े वाहन चालक भी परेशान हैं, क्योंकि ऐसी सड़कों पर चलने के कारण वाहन ज्यादा खराब हो रहे हैं और उनकी मरम्मत में हजारों रुपए लग जाते हैं। शिवसैनिक भरत देवघरे ने बताया कि वसई-विरार में पिछले २५ वर्ष से लगातार सत्ता पर काबिज लोगों का प्रशासन और इंजीनियर की मिलीभगत से हुए भ्रष्टाचार का प्रत्यक्ष प्रमाण शहर की सड़कें दे रही हैं, जो अब तक नहीं बदलीं। ठेकेदार-इंजीनियर से ज्यादा उम्मीद भी संभव नहीं है। इस क्षेत्र के विकास और सुधार के लिए अब सत्ता परिवर्तन जरूरी है।
वसई-विरार शहर कांग्रेस सेवादल जिलाध्यक्ष रतन तिवारी ने बताया कि शहर का सुधार न होना मनपा प्रशासन के मिस मैनेजमेंट का नतीजा है। जो कार्य ठेकेदारों को दिए जा रहे हैं, उनकी जांच जरूरी होती है लेकिन इस पर कोई ध्यान नहीं देता है। जनता के पैसे का दुरुपयोग किया जा रहा है। शहर की समस्या यथावत बनी हुई है। वर्तमान में कमिश्नर से सुधार की कुछ उम्मीद की जा रही है। वसई-विरार मनपा कार्यकारी अभियंता राजेंद्र लाड ने बताया कि बारिश के कारण सड़क में गड्ढे पड़ गए हैं। शहर के गड्ढे बंद करने का कार्य किया जा रहा है, वहीं पीडब्लूडी अधिकारियों की लापरवाही भी सामने आ रही है।