समुद्र का खारा पानी मीठा बनाने की योजना, १,६०० करोड़ की परियोजना…

मुंबई : मुंबई में रोजाना ३,८५० एमएलडी पानी की आपूर्ति पाइपलाइन से की जाती है। बरसात के मौसम में झीलें भले लबालब भर जाती हैं लेकिन फरवरी महीना आते-आते मुंबई में पानी की किल्लत साफ दिखाई देने लगती है। ऐसे में मुंबई मनपा अब पानी को लेकर एक नई कहानी रचने जा रही है।

मुंबईकरों को सदैव पानी उपलब्ध कराने के लिए मनपा ने समुद्र का खारा पानी मीठा बनाने की योजना बनाई है। इससे मुंबईकरों को रोजाना २०० एमएलडी शुद्ध पीने का पानी मिलेगा। भायंदर के पास मनोरी में इस परियोजना को स्थापित किया जाएगा।

पूर्व पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे ने मनपा अधिकारियों के साथ बैठक लेकर इस परियोजना को गति देने पर भी जोर दिया। इसके लिए वर्ष २०२१ में टेंडर आमंत्रित किए गए, जिसमें इजराइल की एक कंपनी ने रुचि दिखाई। आईडीई नामक इजराइल की कंपनी ने मुंबई में इस बड़े प्रोजेक्ट के लिए अपनी इच्छा व्यक्त की।

इस कंपनी ने बताया कि ४ वर्षों में उक्त प्रोजेक्ट को स्थापित करेगी। मनपा ने भी इस प्रोजेक्ट और इसके वैल्यूएशन के लिए एक कंसलटेंट नियुक्त किया है। कंसलटेंट कंपनी एसएमईसी ने उक्त इजराइल कंपनी के प्रोजेक्ट को लेकर और उसके वैल्यूएशन के पूरे मामले पर रिसर्च किया है।

हालांकि इसकी डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट अभी तक हमें नहीं मिली है। जल्द ही यह कंपनी मनपा को रिपोर्ट देगी और इस प्रोजेक्ट को गति मिलेगी। अधिकारियों के अनुसार डीपीआर के बाद ही यह परियोजना आगे बढ़ेगी। बता दें कि वैसे तो यह परियोजना का काम जून-२०२२ में शुरू होना था लेकिन राज्य में महाविकास आघाड़ी सरकार बदलने की वजह से यह मामला ६ महीने से ज्यादा लटक गया है।

अब इस परियोजना को डीपीआर मिलने के बाद मनपा नए सिरे से नए वर्ष में काम शुरू कर पाएगी। टेंडर के बाद काम शुरू होने पर ४ वर्ष में यह प्रोजेक्ट पूरा होगा। मनपा ने इस खारे से मीठे पानी की परियोजना के लिए वर्ष २०१६ में योजना बनाई थी। इसे मुंबई में दो अलग-अलग जगहों पर छोटे पैमाने पर लगाने की योजना को मंजूरी भी दे दी थी।

एक प्रोजेक्ट शहर में तो दूसरा प्रोजेक्ट उपनगर में लगाने की योजना थी लेकिन वर्ष २०१९ में सत्ता में आई महाविकास आघाड़ी सरकार ने इस परियोजना को विस्तृत और विराट रूप देने का पैâसला किया। तत्कालीन पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे ने इस परियोजना को मुंबई के बाहर मनोरी के पास समुद्र किनारे लगाने के प्रस्ताव को उचित बताया और इसे जल्द से जल्द पूरा करने के लिए केंद्र सरकार से भी समन्वय किया।