एक्सिस बैंक में साढ़े 16 करोड़ की ठगी करने वाले गैंग रहता है मुंबई के आलीशान बंगले में … छापे से पहले अंडरग्राउंड

मुंबई : एक्सिस बैंक में साढ़े 16 करोड़ की ठगी करने वाले गैंग का किंग पिन यानी सरगना राजेंद्र शिरके मुंबई से फरार हो गया है। ठग गैंग का नंबर-2 यानी शिरके का राइट हैंड हरीश भी गायब है। पुलिस को शक है हैदराबाद और बंगलुरु में छापेमारी के बाद जैसे ही बैंक ठगी का भंडाफोड़ हुआ दोनों अंडरग्राउंड हो गए। राजेंद्र का मुंबई में आलीशान मकान है। वह महंगी लग्जरी कारों में घूमता है। वह देश के कुछ राज्यों में ठगी की बड़ी वारदातें कर चुका है। हरीश उसका सबसे भरोसेमंद साथी है। पुलिस को उनके नाम पते के साथ घर और उनके रिश्तेदारों की जानकारी भी मिल गई है। पुलिस की स्पेशल टीम ने दोनों की गिरफ्तारी के लिए कई जगह दबिश दी लेकिन वे नहीं मिले। दोस्तों और रिश्तेदारों से भी जानकारी लेने की कोशिश की गई लेकिन कोई सुराग नहीं मिला।

केवल इतना पता चला है कि राजेंद्र ने रायपुर के पहले भी कई जगह ठगी की वारदातें की है। हालांकि यहां जिस तरह से फर्जी एफडी के जरिये पैसे निकाले गए हैं, इस फार्मूले से कहीं जालसाजी की है या नहीं? इस बारे में पक्के तौर पर कुछ पता नहीं चला है। पुलिस के आला अफसर राजेंद्र और हरीश के बारे में जानकारी निकाल रहे हैं। उन राज्यों में संपर्क किया जा रहा है जहां राजेंद्र के खिलाफ ठगी का केस दर्ज है। एक्सिस बैंक में ठगी के पहले राजेंद्र खुद रायपुर आया यहां वीआईपी रोड के एक बड़े होटल में ठहरा। हैदराबाद के सत्यनारायण वर्मा और रेड्डी के अलावा उसने यहां के किसी लोकल लिंक से मुलाकात नहीं की। वह केवल सत्यनारायण के साथ ही पूरी प्लानिंग की। उसी ने एक-एक किरदारों की जिम्मेदारी तय की।सत्यनारायण उसे राेज अपडेट करता था कि बैंक की ठगी की प्लानिंग के तहत कौन कौन से टारगेट पूरे हो रहे हैं। पुलिस को जो इनपुट है, उसके अनुसार खाते जैसे ही उनके गैंग के हाथ में मंडी बोर्ड के एफडी के दस्तावेज आए, राजेंद्र यहां से अपने साथी के साथ फरार हो गया। मुंबई में रहते हुए उसी ने पैसों को अलग-अलग खातों में ट्रांसफर करवाया। पैसे निकलने के बाद उनका बंटवारा करने में भी उसने देरी नहीं की। बैंक ठगी का भंडाफोड़ा करने वाला कौन? ये अभी भी पता नहीं चला है। पुलिस और साइबर सेल की टीम ये पता लगा रही है कि मंडी बोर्ड के अफसरों को जो मेल भेजा गया है वह कहां से और किस आईडी से किया गया? हालांकि पुलिस को ये जरूर पता चल गया है कि मेल करने वाला कोई और नहीं इसी गैंग का सदस्य है।
करोड़ों की ठगी के बाद बंटवारे को लेकर विवाद हुआ और उसने मंडी अफसरों को डॉन के नाम से मेल कर जानकारी दे दी कि उनका पैसा बैंक में जमा नहीं हुआ है बल्कि कहीं और निकल रहा है। उसी के बाद रायपुर की अब तक सबसे बड़ी बैंक ठगी का खुलासा हुआ।