बंद रहेंगे झरनों के दरवाजे

नई मुंबई, बरसात शुरू होते ही भारी संख्या में पर्यटक खारघर के पांडवकड़ा डैम घूमने जाते हैं लेकिन इस बार मानसून में डैम में पर्यटकों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। ये फैसला मानसून में होनेवाली दुर्घटनाओं को देखते हुए लिया गया है। दरअसल पिछले कई सालों में मानसून के दौरान डैम के तेज बहाव में कई लोगों के बह जाने से मौत हो गई थी इसलिए यह फैसला लिया गया है।
परिमंडल २ के उपायुक्त शिवराज पाटील ने लोगों से आह्वान किया कि बरसात के मौसम में कोई भी झरने के पास न जाए। उन्होंने कहा कि अब असली बरसात जुलाई के महीने में ही होने की संभावना है। ऐसे में कई बार लोग खासकर युवा मनोरंजन के लिए झरने के पास जाते हैं और वहां दुर्घटना होने पर जान गवां देते है। जब बरसात जोरों से होती है तो अक्सर झरने से पानी काफी तेज गति से गिरता है। ऐसे में कई युवा नशा करके झरने के नीचे जाते हैं और अपनी जान गवां बैठते हैं। नई मुंबई में खारघर के अलावा पनवेल में कई जगहों पर छोटे-छोटे झरने हैं, जहां हर साल बरसात के मौसम में लोग इधर-उधर से चले जाते हैं। उन झरनों के मुख्य द्वार प्रशासन ने बंद करके रखे हैं इसलिए युवा पहाड़ी इलाकों से झरने के पास चोरी चुपके से जाते हैं। कई बार वो लोग दिन के उजाले में चले जाते हैं और फिर रात के अंधेरे में आते वक्त रास्ता भटक जाते हैं फिर पुलिस को उन्हें खोजने के लिए जाना पड़ता है। उपायुक्त शिवराज पाटील ने कहा कि हमारी टीम मुस्तैदी से तैनात है और वह ऐसे सभी रास्तों पर नजर बनाए हुए है जहां से लोग झरने के पास पहुंच सकते हैं। अगर कोई व्यक्ति पुलिस को चकमा देकर जाने की कोशिश करता है तो उसके ऊपर कानूनी कार्रवाई की जाएगी ।