मुंबई में चल रही देश की सबसे ज्यादा इलेक्ट्रिक बसें

मुंबई, मुंबई का वातावरण आनेवाले समय में प्रदूषण मुक्त होगा। इसके लिए बेस्ट की ‘बेस्ट’ पहल जारी है। दरअसल आनेवाले कुछ वर्षों में मुंबई की सेकेंड लाइफलाइन मानी जानेवाली बेस्ट के बेड़े में इलेक्ट्रिक बसों का वर्चस्व होगा। वर्तमान में बेस्ट के बेड़े में ४०३ इलेक्ट्रिक बसें हैं, जो आनेवाले दिनों में ४५० इलेक्ट्रिक बसों का आंकड़ा छू लेंगी। महाराष्ट्र के पूर्व पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे की संकल्पना से साकार हो रही यह योजना मुंबई को प्रदूषणमुक्त करने में अहम भूमिका निभाएगी। इस योजना के अंतर्गत बेस्ट इलेक्ट्रिक सार्वजनिक परिवहन सेवा मुहैया करनेवाला देश का पहला संस्थान होगा। फिलहाल बेस्ट ने पुरानी बसों को चरणबद्ध तरीके से हटाने के प्रयासों को आगे बढ़ाते हुए अपने ब़ेडे में १,९०० इलेक्ट्रिक बसों की खरीदी का आदेश पहले ही दे दिया है।
जानकारी के मुताबिक २,१०० इलेक्ट्रिक बसें वर्तमान में मुंबई की सड़कों पर चल रही ४०३ इलेक्ट्रिक बसों में आनेवाली ५० इलेक्ट्रिक डबल डेकर बसें शामिल होंगी। ४५० से अधिक इलेक्ट्रिक बसों के बेड़े के साथ, मुंबई जल्द ही भारत में सबसे बड़ा ईवी सार्वजनिक परिवहन बेड़ा होने का दावा भी कर सकता है। २,१०० इलेक्ट्रिक बसें आगामी दो वर्षों में आने की उम्मीद हैं, इनमें से १,२०० इलेक्ट्रिक बसें सिंगल डेकर और ९०० इलेक्ट्रिक बसें डबल डेकर होगी। महाराष्ट्र सरकार भी जल्द ही राज्य के अन्य हिस्सों में सार्वजनिक परिवहन के लिए अपने ईवी बेड़े का विस्तार करने की योजना बना रही है। वर्तमान में मुंबई में जहां ४०३ इलेक्ट्रिक बसें हैं, वहीं कोलकाता में १३२ और बंगलुरु में ९० इलेक्ट्रिक बसें संचालित होती हैं। बेस्ट के अधिकारियों का कहना है कि उन्हें ५० अतिरिक्त इलेक्ट्रिक डबल डेकर बसों के आने की उम्मीद अक्टूबर-नवंबर तक है।
अपनी इलेक्ट्रिक वाहन नीति के हिस्से के रूप में राज्य सरकार का लक्ष्य महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (एमएसआरटीसी) के मौजूदा बस बेड़े का १५ प्रतिशत इलेक्ट्रिक पर स्विच करना है। इसका उद्देश्य २०२५ तक ई-कॉमर्स कंपनियों, डिलिवरी, लॉजिस्टिक्स प्लेयर्स जैसे फ्लीट एग्रीगेटर्स द्वारा संचालित शहरी बेड़े के कम से कम २५ प्रतिशत वाहनों को इलेक्ट्रिक वाहनों के रूप में रखना है। वर्तमान में १५ हजार इलेक्ट्रिक बसों के पंजीकरण का आंकड़ा पार कर चुका है।
महाविकास आघाड़ी सरकार महाराष्ट्र में पहले ही भारत के शीर्ष ईवी हब बनाने के लक्ष्य के अलावा इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन की घोषणा कर चुकी है। सरकार ने मार्च २०२५ तक सभी नए वाहन पंजीकरण के १० प्रतिशत का लक्ष्य रखते हुए अपनी ईवी नीति के लिए रु.९३० करोड़ का निवेश किया है।
सरकार राज्य के सात प्रमुख शहरों और चार राष्ट्रीय राजमार्गों में २,३७५ सार्वजनिक और अर्ध-सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन विकसित करने की भी योजना बना रही है। इससे पहले अगस्त में आदित्य ठाकरे ने मुंबई के कोहिनूर भवन में एक ईवी सक्षम पार्विंâग स्थल का उद्घाटन किया था।