धनुष-बाण शिवसेना का ही! कोई छीन नहीं सकता है! – उद्धव ठाकरे

मुंबई, शिवसेना कोई वस्तु नहीं है, जिसे कोई चुराकर ले जा सकता है और धनुष-बाण भी शिवसेना का ही है। उसे कोई छीन नहीं सकता है। इन शब्दों में शिवसेनापक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे ने कल शिंदे गुट को चेतावनी दी। शिवसेना के धनुष-बाण चिह्न को लेकर चर्चा की जा रही है, परंतु कानून के नजरिए से देखें तो संविधान में जो कुछ भी दर्ज है उसके अनुसार धनुष-बाण हमारा ही है इसलिए वह चिंता छोड़ दें, ऐसा दृढ़ विश्वास उद्धव ठाकरे ने शिवसैनिकों को दिलाया है। जो कुछ हुआ वह महाराष्ट्र की जनता को मंजूर नहीं है, ऐसा कहने के दौरान ही इस तरह का खेल खेलने की बजाय विधानसभा चुनाव करवा लो, ऐसी चुनौती ही उन्होंने एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी को दी।
शिवसेनापक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे ने कल ‘मातोश्री’ निवासस्थान पर आयोजित पत्रकार परिषद में शिवसेना और शिवसेना के धनुष-बाण चिह्न को लेकर बार-बार उठाई जा रही आशंकाओं का मुंहतोड़ जवाब दिया। उद्धव ठाकरे ने कहा कि ‘मतदान पत्रिका पर चिह्न महत्वपूर्ण होता है। यह हमारा धनुष-बाण है लेकिन सिर्फ धनुष-बाण का लोग विचार नहीं करते हैं, बल्कि दिए गए व्यक्ति के ‘लक्षण’ ठीक हैं कि नहीं, ये भी देखते हैं। यही मैंने शिवसैनिकों को समझाया है। इसका मतलब यह नहीं कि नए चिह्न को लेकर सोच रहा हूं, ऐसा बिल्कुल भी नहीं है।’
‘शिवसेना किसकी है, यह सवाल उठाए जा रहे हैं। शिवसेना कोई वस्तु नहीं है कि उसे लेकर कोई भाग जाएगा! कोई चुराकर ले जा सके, ऐसी शिवसेना नहीं है’, ऐसा चेताने के दौरान शिवसेनापक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे ने विधिमंडल पक्ष और रास्ते की पार्टी ने इस मुद्दे पर भी अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि ‘रास्ते की पार्टी जनता के न्याय और अधिकार के लिए सड़क पर उतरती है। जनता उसे आशीर्वाद देती है। फिर उस पार्टी के माध्यम से ये जनप्रतिनिधि ग्राम पंचायत, जिला परिषद, नगर पंचायत, महापालिका, विधानसभा, लोकसभा में जाते हैं।’
एक विधायक हो, पचास हों या सौ हों, ये सभी यदि छोड़कर चले गए तब भी पार्टी का अस्तित्व रहता है। विधायक चले गए मतलब पार्टी खत्म नहीं हो सकती, ऐसा उद्धव ठाकरे ने इस मौके पर कहा। इस संदर्भ में लोगों के मन में जानबूझकर भ्रम पैदा किया जा रहा है। इस भ्रम के झांसे में बिल्कुल भी न फंसे, ऐसा उन्होंने शिवसैनिकों एवं राज्य की जनता से कहा।