पवई में शिवसेना विधायकों का डेरा, अनिल परब ने कहा कि सभी दल अपने-अपने विधायकों को एक साथ रखते हैं…

मुंबई : राज्यसभा चुनाव मात खा चुकी महाविकास आघाड़ी अब विधानपरिषद चुनावों को लेकर विशेष एहतियात बरत रही है। विधायकों की टूट-फूट रोकने के लिए सभी दलों ने अपने-अपने विधायकों को मुंबई के अलग-अलग पंचसितारा होटलों में ठहराने की व्यवस्था की है। शिवसेना ने सबसे पहले अपने विधायकों को पवई स्थित रेनिसन्स होटल ठहराया है। भाजपा, कांग्रेस और राकांपा के विधायक शनिवार को मुंबई पहुंचेंगे। भाजपा के विधायकों को कोलाबा के ताज प्रेसिडेंट होटल में ठहराया जाएगा।

सोमवार 20 जून को होने वाले विधान परिषद चुनाव के लिए शिवसेना की तरफ से मोर्चाबंदी की जा रही है। इसी सिलसिले में शुक्रवार को सह्याद्री अतिथि गृह में शिवसेना विधायकों की बैठक बुलाई गई। इस बैठक में विधायकों को विधान परिषद चुनाव की मतदान प्रक्रिया से अवगत कराया गया। सूत्रों के अनुसार इस बैठक में शिवसेना विधायकों के अलावा पार्टी का समर्थन कर रहे छोटे दल और निर्दलीय विधायक भी मौजूद थे। शिवसेना सचिव अनिल देसाई ने कहा कि विधायकों को मतदान प्रक्रिया के बारे में समझाया गया। राज्यसभा में जो गलती हुई, उसकी पुनरावृत्ति नहीं हो, इसका विशेष ध्यान रखा जा रहा है। शिवसेना के नेता और विधायक अनिल परब ने कहा कि महाविकास आघाड़ी के रूप में हम मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं। आघाड़ी नेता जो तय करेंगे, उसी अनुसार मतदान किया जाएगा।

इस बैठक के बाद सभी शिवसेना विधायकों को पवई स्थित रेनिसन्स होटल ले जाया गया। अनिल परब ने कहा कि सभी दल अपने-अपने विधायकों को एक साथ रखते हैं, ताकि मतदान की जानकारी देना सुविधाजनक होता है और इसी अनुसार सभी विधायक मतदान करते हैं। इधर भाजपा विधायक शनिवार को मुंबई पहुंचेंगे। उन्हें ताज प्रेसिडेंट होटल में ठहराया जाएगा। राज्यसभा चुनाव के दौरान भी भाजपा विधायकों को इसी होटल में ठहराया गया था।

बता दें कि विधानपरिषद चुनाव के मैदान में 10 सीटों पर कुल 11 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। इन 10 उम्मीदवारों में महाविकास आघाड़ी के 6 जबकि भाजपा के 5 प्रत्याशी शामिल हैं। चूंकि विधान परिषद चुनाव में गुप्त मतदान होता है, ऐसे में विधायकों की खरीद-फरोख्त होने और क्रॉस वोटिंग की प्रबल संभावना है।

विधान परिषद चुनाव में पहले राउंड में ही चुनकर आने के लिए प्रत्येक उम्मीदवार को 26 मतों की आवश्यकता होगी। इसे ध्यान में रखते हुए भाजपा के अधिकतम चार, शिवसेना और राकांपा के दो-दो और कांग्रेस का एक उम्मीदवार आसानी से चुनाव जीत सकता है। 10वीं सीट पर जीत के लिए न तो भाजपा और न ही कांग्रेस के पास पर्याप्त वोट हैं। ऐसे में इस सीट पर जीत की चाबी निर्दलीय और छोटे दलों के विधायकों के पास होगी और विधायकों की खरीद-फरोख्त की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। इस सीट पर भाजपा के प्रसाद लाड और कांग्रेस के भाई जगताप के बीच मुकाबला होगा।