डेटिंग ऐप के जरिए शिकार की तलाश, बेहोश कर लूट लेती थी, महिला जालसाज गिरफ्तार

मुंबई, डेटिंग ऐप के सहारे बड़े ही शातिर अंदाज में लोगों को अपने प्रेम जाल में फंसाकर लूटनेवाली महिला को पुणे पुलिस ने गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार महिला पहले डेटिंग ऐप के जरिए शिकार की तलाश करती थी और फिर डेट पर बुलाकर उन्हें बेहोश कर लूट लेती थी। हालांकि जालसाज महिला अपने ही बनाए जाल में खुद फंस गई। इस शातिर महिला को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस ने भी बिल्कुल अनोखा तरीका अपनाया। उन्होंने महिला को पकड़ने के लिए डेटिंग ऐप बंबल का सहारा लिया। पुलिस ने अपने सहकर्मियों के फर्जी नाम से अकाउंट बनवाए और फिर २७ साल की महिला को गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस के शिकंजे में आने के बाद आरोपी महिला ने पूछताछ में बताया कि उसने अब तक बीते कुछ महीनों के दौरान १६ लोगों को अपना शिकार बनाया है। महिला ने पुलिस को बताया कि वह डेट पर लोगों को बुलाकर पहले उन्हें नशीली दवाएं देती थी और फिर उन्हें आसानी से लूटकर रफूचक्कर हो जाती थी। इस मामले के एक पीड़ित ने पुलिस को बताया कि डेटिंग ऐप पर वह एक लड़की से मिला। इस लड़की ने अपना नाम शिखा बताया था। इसके बाद दोनों डेट पर गए। इसी दौरान उसे जब प्यास लगी तो लड़की ने अपनी बोतल से उसे पीने के लिए पानी दिया। जब घर पहुंचा तो अचानक बेहोश हो गया इसके बाद वह फोन, सोने की अंगूठी और चेन लेकर फरार हो गई। जिसके बाद इस मामले की छानबीन शुरू हुई और महिला को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
छिपे हुए साइबर अपराधी अपने फायदे के लिए लगातार बढ़ते सोशल मीडिया स्पेस का इस्तेमाल कर रहे हैं। जैसे-जैसे इसके मामले बढ़ रहे हैं, साइबर पुलिस लोगों को किसी भी अजनबी महिला के साथ इंस्टेंट मैसेजिंग प्लेटफॉर्म पर चैट करने से रोक रही है। पुणे पुलिस स्टेशन में साइबर इंस्पेक्टर मीनल पाटील ने बताया कि जनवरी २०२२ से अब तक पुणे में कुल १,४४५ मामले सामने आए हैं, जिनमें पीड़ितों ने यौन शोषण और ब्लैकमेल करने की शिकायत की है। कुछ मामलों में केस दर्ज कर जांच की जा रही है।
पाटील के मुताबिक सभी मामलों में जिनमें छात्र से लेकर वृद्ध तक शामिल हैं। पहले साइबर अपराधी किसी महिला के जरिए किसी व्यक्ति को चैट पर फंसाते हैं। संदेशों का आदान-प्रदान करने और दोस्ती गहरी हो जाने पर महिला वीडियो कॉल करती है। इसके बाद महिला पुरुष की आपत्तिजनक फोटो या वीडियो ले लेती है और फिर शुरू होता है ब्लैकमेल करने का दौर। पाटील का कहना है कि सचेत रहकर ही ऐसे मामलों से बचा जा सकता है। साथ ही जितना संभव हो अपने मोबाइल नंबर को अनावश्यक लोगों से साझा करने से बचें।