कैपिटल इकोनॉमिक्स की रिसर्च से खुलासा, महंगाई १४ फीसदी बढ़ी

मुंबई, मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद एकनाथ शिंदे ने एलान किया था कि राज्य में अब कोई भी किसान आत्महत्या नहीं करेगा। शिंदे सरकार गठन के २४ दिन बीत जाने के बाद भी राज्य मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं हो सका है। किसानों की चिंता करनेवाला कृषि मंत्रालय बिना मंत्री के सूना है। इसी दौरान विगत २३ दिनों में ८९ किसानों ने आत्महत्या की है। आत्महत्या करनेवाले किसानों में सबसे अधिक संभाजीनगर, बीड और यवतमाल के हैं। आत्महत्या २३ दिन में ८९ किसानों ने की आत्महत्याकरनेवाले किसानों में से बीड में १३, यवतमाल में १२, परभणी में ६, जलगांव में ६, जालना में ५, बुलढाणा में ५, धाराशिव में ५, अमरावती में ४, वाशिम में ४, अकोला में ३, नांदेड़ में २, भंडारा-चंद्रपुर में २ और संभाजीनगर में २२ किसानों ने जान दी। किसानों की हो रही आत्महत्या पर ध्यान न देते हुए मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस अब तक वैâबिनेट की तीन बैठवेंâ कर चुके हैं। इन बैठकों में शहरों का नाम बदलने, सरपंच के सीधे चुनाव, आरे कारशेड, एमएमआरडीए को कर्ज उपलब्ध कराए जाने का निर्णय लिया गया है। राज्य सरकार ने आत्महत्या प्रभावित जिलों में किसान चेतना अभियान, वसंतराव नाईक कृषि स्वावलंबी मिशन की स्थापना की है लेकिन ये दोनों योजनाएं मंत्रालय में अटकी हुई हैं।