मुंबई की सड़कों के गड्ढों का रियलिटी चेक, महाराष्ट्र डिप्टी सीएम फडणवीस के घर के पास भी नहीं हुई मरम्मत

मुंबई : मुंबई की सड़कों के गड्ढे बीएमसी के उस दावे की पोल खोल रहे हैं जिसमें उसने 1 अप्रैल से 7 जुलाई के बीच करीब 7000 गड्ढों को भरने का दावा किया है. बीएमसी ने हाल ही में हर वार्ड को उसके अधिकार क्षेत्र में आने वाली सड़क को भरने के लिए 2 करोड़ रुपये दिये हैं. इन गड्ढों का रियलिटी चेक करने के लिए एबीपी की टीम ने मुंबई के सबसे वीआईपी इलाके मालाबार हिल का दौरा किया.
मालाबार हिल इलाके में सभी मंत्रियों, आईपीएस, आईएएस और हाईकोर्ट के जजों के घर हैं. मालाबार हिल में भी हमें वहां सड़कों पर गड्ढे मिले. एबीपी ने पाया कि महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस के घर के 100 मीटर की दूरी पर सड़क में गड्ढे हैं. यहीं पर महाराष्ट्र में पूर्व गृहमंत्री दिलीप वालसे पाटिल और हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस का मकान है.

मुंबई के दहिसर इलाके में एबीपी को रियलिटी चेक के दौरान गड्ढों के बीच से गाड़ियां निकलती दिखीं. दहिसर मुंबई का बॉर्डर है. मुंबई के बॉर्डर पर मौजूद गड्ढों की वजह से लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इस सड़क के गड्ढों को ईटों से भरने का काम किया जा रहा है.
गड्ढों को भरने वालों से जब हमने बात की तो उन्होंने बताया कि ये हमारा काम नहीं है लेकिन लोगों को दिक्कत हो रही है इसलिए हम इन गड्ढों को भर रहे हैं. इसी दरमियान मुंबई के बोरीवली नेशनल पार्क के ठीक सामने हमें सड़क का एक हिस्सा धंसा दिखा. अगर इस जगह पर सड़क धंसती है तो यहां से गुजरने वाली गाड़ियों से बड़ा हादसा हो सकता है लेकिन प्रशासन की इस खतरे पर नजर नहीं है.

कांदिवली में हमें गड्ढों में सड़कों दिखी. यहां पर बड़ी- बड़ी बहुमंजिला इमारतें तो खड़ी हैं लेकिन रोड पर गड्ढे खतरे की वजह बनते नजर आये. दहिसर से अंधेरी तक करीब 20 किलोमीटर के रास्ते में हमें सैकड़ों गड्ढे नजर आये. वहीं सबसे बुरी हालत हमें अंधेरी की सड़कों पर दिखी.
एमआईडीसी के इलाके में हमें गड्ढे ही गड्ढे देखने को मिले. वहां पर सड़कें इस कदर उखड़ चुकी थी कि उसकी कंक्रीट हाथों में उठायी जा सकती थी. सड़को पर बगैर डामर और सीमेंट के उखड़ी चुकी सड़क ठेकेदारों की पोल खोल रही थी.

मुंबई महानगर पालिका के मुताबिक उसके पास 2 हजार 05 किलोमीटर लंबे रास्ते हैं. जिसमें 1255 किलोमीटर डामर वाली रोड है. इसमें 800 किलोमीटर कंक्रीट वाली रोड है. इन सड़कों पर होने वाले गड्ढों को भरने के लिए हर वार्ड को 2 करोड़ की रकम दी गई है. 1 अप्रैल से 7 जुलाई तक 7 हजार 211 गड्ढे भरे गये हैं. इन गड्ढों का क्षेत्रफल था 12 हजार 695 है.