दालों के दाम १५० से २०० रुपए प्रति किलो पहुंचने की आशंका

मुंबई, केंद्र की मोदी सरकार की गलत नीतियों के कारण न ही देश में महंगाई कम हो रही है और न ही किसानों को उनकी फसल की उचित कीमत ही मिल पा रही है। चावल, गेहूं पर महंगाई के कारण रोटी के सख्त और ‘भात’ के फीके होने के बाद अब कीमतें बढ़ने से दाल के भी स्वादहीन होने की आशंका नजर आ रही है। दालों के दाम अभी से १५० रुपए प्रति किलो से २०० रुपए प्रति किलो तक पहुंचने की आशंका जताई जा रही है। यानी एक तरफ उत्पादों के महंगे होने से आम जनता कटौती करके गुजारा करने को मजबूर हो रही है तो वहीं दूसरी तरफ किसान अपनी हताशा में अपनी फसलों को फेंक रहे हैं। जैसा कि हाल के दिनों में गन्ना, टमाटर और प्याज के मामलों में देखने को मिला है।

बता दें कि चावल और गेहूं की कीमतों में जबरदस्त उछाल के बाद अब दाल के दाम में तड़के की खबर आ रही है। बीते एक सप्ताह में गेंहूं के दाम १३० रुपए प्रति क्विंटल तक बढ़े हैं, वहीं अब खबर आ रही है कि करीब ढाई हफ्ते में अरहर तुअर, उड़द, मूंग और चने की दाल में दो फीसदी की तेजी देखने को मिली है। कंज्यूमर अफेयर डिपार्टमेंट के आंकड़ों के अनुसार एक मई को देश में तुअर दाल की औसत कीमत ११६.६८ रुपए प्रति किलो थी, जो १८ मई को बढ़कर ११८.९८ रुपए हो गई। उड़द की दाल १०८.२३ रुपए प्रति किलो से बढ़कर १०९.४४ पर आ गई है। मूंग दाल में भी तेजी देखने को मिली है और १८ दिनों में कीमत १०७.२९ रुपए प्रति किलो से १०८.४१ रुपए प्रति किलो हो गई है। चने की दाल की कीमत में भी इस दौरान इजाफा देखने को मिला है और इसकी कीमत इस दौरान ७३.७१ रुपए प्रति किलो से बढ़कर ७४.२३ रुपए प्रति किलो हो गई है, ऐसे में सरकार ने दालों के दाम को फिर से कंट्रोल करने के लिए सख्त एडवाइजरी जारी कर दी है। सरकारी निर्देशों के अनुसार, जो भी दालों की जमाखोरी करता पाया गया, उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

देश में प्याज के सबसे बड़े उत्पादन क्षेत्र से हताश प्याज किसानों द्वारा अपनी फसलों को नष्ट करने की खबरें लगातार सामने आ रही हैं। बेमौसम बारिश के कारण जहां बड़ी मात्रा में पहले ही प्याज के सड़ने से किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। वहीं चांदवड़ मंडी समिति में बिक्री के लिए भारी पैमाने पर लाई गई प्याज को नीलामी के दौरान प्रति क्विंटल १०० रुपए का भाव मिलने से किसानों ने प्याज को फेंककर आंदोलन शुरू कर दिया।

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