गंदे पानी को ट्रीटमेंट कर बोतल बंद पानी की तरह साफ बनाने की योजना

मुंबई, आगामी दिनों में नाले में बहनेवाला गंदा पानी बिसलेरी के बोतल के पानी की तरह शुद्ध और पीने योग्य दिखे तो चौंकिएगा मत। महानगर मुंबई में मनपा पहली बार नाले में बहनेवाले उस गंदे पानी को ट्रीटमेंट कर बोतल बंद पानी की तरह साफ बनाने की योजना पर काम कर रही है। मनपा ने इसके लिए कोलाबा के एसटीपी (सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट) प्लांट से निकलनेवाले पानी को ज्यादा शुद्ध बनाने के लिए टेंडर आमंत्रित किया है। यहां एसटीपी प्लांट से रोजाना २५ एमएलडी पानी का ट्रीटमेंट किया जाता है। इसमें से १२ एमएलडी पानी को शुद्ध करके मुंबईकरों को पीने योग्य पानी उपलब्ध कराया जाएगा। वहीं धारावी, वर्सोवा, घाटकोपर जैसे अन्य छह बड़े एसटीपी प्लांट के पानी को पीने योग्य बनाने के लिए कंसल्टेंट की नियुक्ति की जाएगी।
मनपा के अनुसार एसटीपी प्लांट के पानी को शुद्ध बनाने के लिए मनपा एडवांस टेक्नोलॉजी का उपयोग करेगी। मनपा ने यह एडवांस टेरिटरी ट्रीटमेंट प्लांट (एटीटीपी) लगाने का टेंडर आमंत्रित किया है। इस परियोजना को पूरा होने में ३ वर्ष का समय लग सकता है। मनपा इस पर लगभग २५० करोड़ रुपए खर्च करेगी। मनपा जल विभाग के मुख्य अधिकारी वसंत गायकवाड के अनुसार जल्द ही इसका टेंडर खुलेगा। इसमें देशी, विदेशी वंâपनियों के हिस्सा लेने की संभावना है। मनपा की शर्तों के अनुसार टेंडर दिया जाएगा। टेंडर प्रदान होने के बाद वंâपनी को तीन वर्ष में काम को पूरा करना है।
गायकवाड ने बताया कि यहां कोलाबा एसटीपी प्लांट पर फिलहाल २५ एमएलडी पानी का रोजाना ट्रीटमेंट हो रहा है और द्वितीय श्रेणी के कार्यों में उपयोग के लिए इस पानी को सप्लाई किया जाता है। इसमें से कुछ पानी को समुद्र में डेढ़ किमी भीतर छोड़ा जाता है लेकिन अब जब एटीटीपी प्लांट लग जाएगा तो हम १२ एमएलडी पानी का शुद्धिकरण कर पाएंगे। यह पानी बिल्कुल साफ पीने योग्य भी होगा। ऐसा दावा कंपनियों ने किया है लेकिन फिर भी हम एक कंसल्टेंट नियुक्त करके इस पर रिपोर्ट मंगवाएंगे।
एक अन्य अधिकारी ने बताया कि मनपा ने यह योजना २०२० में ही बनाई थी लेकिन कोरोना महामारी के चलते यह लटक गया था। अब जब कोरोना कम हुआ है तो मनपा ने फिर से जोर मारा है। मनपा की यह महत्वाकांक्षी परियोजना है। कोलाबा प्रोजेक्ट की सफलता के बाद इसे वर्सोवा, धारावी, घाटकोपर, भांडुप, वर्ली, बांद्रा और मालाड के एसटीपी प्लांट में भी लागू किया जाएगा। इसके लिए भी कंसल्टेंट की नियुक्ति की जाएगी।