पीएफआई के प्लान बी का खुलासा, एजेंसियों से बचने के लिए बना रखी थी कई विंग

मुंबई, देशभर में ‘पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया’ (पीएफआई) पर एनआईए के एक्शन के बाद पीएफआई के प्लान बी का खुलासा हुआ है। इस खुलासे में इस्लामी संगठन के नापाक मंसूबे का पता चलता है। बताया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश में पीएफआई ने एजेंसियों के एक्शन से बचने के लिए नए नाम से कई विंग तैयार कर लिए हैं। इनमें सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया, राष्ट्रीय महिला मोर्चा, वैंâपस प्रâंट ऑफ इंडिया, अखिल भारतीय इमाम परिषद, अखिल भारतीय कानूनी परिषद, रिहैब इंडिया फाउंडेशन और नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट ऑर्गनाइजेशन शामिल हैं। इन संगठनों को सरकारी एजेंसियों के प्रतिबंध से बचने और एजेंडा पैâलाने के लिए तैयार किया गया है। ऐसे में अब जांच में राजनीतिक नेताओं और दानदाताओं के नाम सामने आनेवाले हैं।
सूत्रों के मुताबिक एनआईए और एटीएस द्वारा शुक्रवार को देश भर में की गई कार्रवाई की भनक पीएफआई के तमाम नेताओं को पहले से थी। लिहाजा, तैयारी भी उसी हिसाब से की गई थी। पीएफआई के नेताओं ने जांच एजेंसियों को गच्चा देने के लिए पहले से कई अन्य शाखाएं शुरू कर दी थीं। इन तमाम अलग-अलग विंग के जरिए पीएफआई जांच एजेंसियों की आंखों में धूल झोंक कर अपने देश विरोधी मंसूबों को अंजाम देने में जुटी हुई है। इन तमाम शाखाओं का मकसद है, जांच एजेंसियों की नजरों से बचकर हिंदुस्थान के तमाम शहरों में आतंक के अपने एजेंडे को बढ़ाना। इसकी भनक जैसे ही एजेंसियों को लगी उन्होंने इसका पर्दाफाश कर दिया। एनआईए की तैयारियों से साफ है कि साजिश करनेवाले इस संगठन का कोई सिरा वो छोड़ना नहीं चाहते। पीएफआई पर जब भी एक्शन होता है वो अपना कोई और चेहरा सामने ले आता है।
जानकारी के अनुसार पीएफआई सोशल वर्क के नाम पर धन जुटाता है और उसका इस्तेमाल समाज विरोधी और देश विरोधी गतिविधियों के लिए करता है। साथ ही अपने कट्टरपंथी विचारों को बढ़ावा देने के लिए स्कूलों, कॉलेजों, मदरसों और मुस्लिम बहुल मोहल्लों में नौजवानों का ब्रेनवॉश कर उन्हें प्रतिबंधित संगठनों में भर्ती कराने का भी काम करता है। पीएफआई अपने सदस्यों को न सिर्फ कट्टरपंथी बनाता है, बल्कि उन्हें किस तरह से हिंसा पैâलाना है, इस बात की भी ट्रेनिंग देता है।