पहाड़ी इलाकों में बसे लोगों को अब प्रेशर से पानी मिलेगा

मुंबई, मुंबई के पहाड़ी इलाकों में बसे लोगों को अब प्रेशर से पानी मिलेगा। इसके मनपा ने पानी की आपूर्ति में सुधार के लिए सर्वेक्षण करने का पैâसला किया है। दूसरे चरण के इस सर्वेक्षण में घाटकोपर और विक्रोली के पहाड़ी इलाकों में कूल स्टेशन का सर्वेक्षण किया जाएगा। इस सर्वे में मनपा डैमेज पाइपलाइन बदलने के बाद भी प्रेशर में सुधार नहीं होने की वजह तलाशेगी। इसके लिए अनुमानित लागत लगभग १.७० करोड़ रुपए है। इस सर्वे के बाद क्षेत्र में पानी की रफ्तार बढ़ जाएगी। यहां सूर्यनगर से लेकर चांदिवली तक पहाड़ों पर बसे लोगों को पानी का दबाव बढ़ने से भरपूर पानी मिलेगा।
मनपा ने इसके लिए घाटकोपर और विक्रोली क्षेत्रों में सर्वेक्षण के लिए निविदा आमंत्रित की है। अब यह टेंडर जल्द ही खुलेगा। मनपा लगभग ५० हेक्टेयर क्षेत्र के कूल स्टेशन सर्वेक्षण करेगी। इस दौरान गलियों की चौड़ाई, ढलानों और स्थानीय लोगों तथा झोपड़ियों की संख्या की गणना की जाएगी। यह सर्वेक्षण पानी की लाइनों को डिजाइन करने में मदद करेगा। एक अधिकारी ने बताया कि इन क्षेत्रों में पानी के समान वितरण के लिए हाइड्रोलिक विभाग द्वारा एक नेटवर्क बिछाने के लिए एकीकृत अध्ययन होगा।
मनपा इस सर्वेक्षण के पहले चरण को पिछले वर्ष गोवंडी के चीता वैंâप में किया था और जिस पर लगभग १.३५ करोड़ रुपए खर्च हुए थे। इसका लाभ भी लोगों को खूब मिला। चीता वैंâप में पानी आपूर्ति के स्तर में सुधार आया है। मनपा शहर को रोजाना ३,८५० मिलियन लीटर पानी की आपूर्ति करती है। कई बार पहाड़ी क्षेत्रों के निवासियों या वितरण प्रणाली के अंत में अपर्याप्त आपूर्ति या कम पानी के दबाव के चलते उन्हें पानी रफ्तार से नहीं मिल पाता है। कभी-कभी उन्हें पानी नहीं भी मिलता है।
बता दें कि पिछले दो महीनों में मनपा ने दक्षिण मुंबई और पश्चिमी उपनगरों में पुरानी पाइपलाइनों के प्रतिस्थापन और रिसाव का पता लगाने जैसे प्रमुख कार्य किए हैं। बड़ी संख्या में पुराने कूल बदले गए। कई जगहों पर पाइपलाइन बदली गई। घाटकोपर और विक्रोली क्षेत्रों में भी पुरानी और लीकेज वाले पाइपों को मनपा ने बदला है। यहां पहाड़ी क्षेत्रों में संकरे रास्ते होने और गलियों की चौड़ाई दो फीट से भी कम होने, जगह-जगह मोड़ होने की वजह से पानी के पाइप में प्रेशर पर असर पड़ता है। इसी के साथ इस क्षेत्र में पिछले कुछ वर्षों में जनसंख्या में वृद्धि भी हुई है।