आठ महीने में दर्ज हुए एक हजार मामले, २८० सायबर जालसाज पहुंचे हवालात

मुंबई, इंटरनेट ने जिंदगी को बहुत आसान बना दिया है। पलक झपकते ही काम हो जाता है। बैंक में पैसा जमा करना हो, बिजली-पानी का बिल भरना हो या फिर देश-दुनिया के बारे में कुछ भी जानना हो, बस अपना फोन खोलो और पलक झपकते ही सब कुछ हो गया। इस डिजिटल दुनिया के बहुत फायदे हैं तो नुकसान भी कम नहीं है। ऑनलाइन दुनिया ने नए तरह के गुनाहों को भी जन्म दिया है, जिसे सायबर अपराध का नाम दिया गया है।
बैंकिंग, सोशल नेटवर्विंâग, ऑनलाइन शॉपिंग, डेटा स्टोरिंग, गेमिंग, ऑनलाइन स्टडी, ऑनलाइन जॉब यानी हर एक चीज में सायबर ठगों ने अपनी पैठ बना ली है। इन सायबर जालसाजों ने सबसे ज्यादा महिलाओं को शिकार बनाया है। पिछले आठ महीनों में सायबर अपराधियों ने राज्य में महिलाओं के साथ १,११९ वारदातों को अंजाम दिया है, जबकि पुलिस ने ३३७ वारदात का पर्दाफाश कर २८० सायबर जालसाजों को हवालात भेजा है।
प्रदेश में महिलाओं के साथ होनेवाले सायबर अपराधों पर गौर करें तो जनवरी से अगस्त तक यानी इन आठ महीनों में ब्लैकमेलिंग के ४३, पोनोग्राफिक के ९८, सोशल मीडिया पर प्रताड़ित करने के ३४७, वहीं बदनामी करने के सात मामले सामने आए हैं। इसके अलावा फर्जी प्रोफाइल के ३३ मामले और अन्य कारणों से ५९१ वारदातें दर्ज की गई हैं।