कीट नियंत्रण नियमों के उल्लंघन के लिए निवासियों, सोसायटियों और वाणिज्यिक कार्यालयों सहित ४,६६१ लोगों को नोटिस, ३७६ लोगों के खिलाफ केस दायर

मुंबई, बारिश में मलेरिया और डेंगू जैसी मौसमी बीमारियां तेजी से फैलती हैं। इन बीमारियों का टेंशन दूर करने के लिए मनपा का कीट नियंत्रण विभाग मच्छरों की उत्पत्ति को कंट्रोल करने में पूरी तरह से जुट गया है। इसके तहत मच्छरों के प्रजनन स्थलों पर दवाओं का छिड़काव किया जा रहा है। साथ ही इसे लेकर लोगों में जागरूकता भी फैलाई जा रही है। इतना ही नहीं, नियमों का उल्लंघन करनेवालों के खिलाफ कार्रवाई का हंटर चलाया जा रहा है। मनपा प्रशासन के मुताबिक अब तक मुंबई में ३७६ लोगों के खिलाफ सीधे न्यायालय में केस दायर किए गए हैं।
बता दें कि कीट नियंत्रण नियमों के उल्लंघन के लिए निवासियों, सोसायटियों और वाणिज्यिक कार्यालयों सहित ४,६६१ लोगों को नोटिस जारी किए गए हैं। इनमें से ३७६ मामले दर्ज किए गए हैं। साथ ही ७,६०,००० रुपए का जुर्माना वसूल किया गया है। कीटक नियंत्रण विभाग के प्रमुख डॉ. राजेंद्र नारिंग्रेकर के मुताबिक वर्तमान में भारी बारिश हो रही है। इसके चलते जगह-जगह बारिश का पानी बह रहा है। ऐसे पानी में मच्छरों के प्रजनन की संभावना कम होती है, जिसके चलते कार्रवाई को फिलहाल धीमा कर दिया गया है। दूसरी तरफ मनपा ने मुंबई में मलेरिया और डेंगू को नियंत्रित करने के लिए अभियान शुरू किया है।
कोरोना से लड़ते हुए स्वास्थ्य विभाग मलेरिया और डेंगू जैसी वर्षा जनित बीमारियों की रोकथाम के लिए सावधानी बरत रहा है। मुंबई में हर साल मलेरिया और डेंगू का असर होता है। इसे गंभीरता से लेते हुए हर साल की तरह इस बार भी मनपा ने मलेरिया और डेंगू के संभावित स्रोतों को खत्म करने पर जोर दिया है। १ जनवरी से २४ जून तक ३५,१४१ डेंगू और ८,४५६ मलेरिया वाले मच्छरों के प्रजनन स्थल को नष्ट किया है।
मानसून के दौरान मलेरिया और डेंगू के मरीजों की संख्या बढ़ जाती है। इसलिए पिछले आठ महीनों से मलेरिया और डेंगू के संभावित उत्पत्ति स्थलों की जांच शुरू है। इसके तहत डेंगू फैलाने वाले ७१,५१,१८० एडीज मच्छरों की संभावित उत्पत्ति की जांच हुई। इतना ही नहीं, मलेरिया फैलानेवाले एनोफिलीज मच्छरों के २,५७,९०९ संभावित मूल स्थलों की भी जांच की गई। आठ महीने की अवधि में मनपा के कीटनाशक विभाग ने जल संचयवाले ३,२३,५७९ स्थलों के साथ ११,००० टायर हटाए हैं।