न्यायालय से मंत्रिमंडल विस्तार का कोई संबंध नहीं, राज्य में जल्द होगा मंत्रिमंडल का विस्तार -फडणवीस

मुंबई : राज्य में एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस सरकार की मंत्रिमंडल विस्तार की पिछले कई दिनों से चल रही चर्चा के बीच एक बार फिर उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंत्रिमंडल विस्तार जल्द होगा इसकी घोषणा की है.दिल्ली में फडणवीस मीडिया से बात कर रहे थे.उनसे पूछे जाने पर की महाराष्ट्र में शिंदे और फडणवीस की सरकार बने 37 दिन से अधिक हो गए लेकिन मंत्रिमंडल विस्तार क्यों नहीं हो रहा है.

इस पर उन्होंने कहा कि मीडिया और जनता की सोच के अनुरूप जल्द मंत्रिमंडल विस्तार किया जाएगा। डिप्टी सीएम ने स्पष्ट किया कि सर्वोच्च न्यायालय में 16 विधायकों सदस्यता सहित शिंदे और उद्धव ठाकरे की याचिका पर चल रही सुनवाई से मंत्रिमंडल विस्तार का कुछ लेना देना नहीं है.न्यायालय ने यह कभी नहीं कहा कि मंत्रिमंडल विस्तार नहीं होना चाहिए।

उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल विस्तार के इन्तजार का समय ख़त्म हो गया है.राज्य में जल्द मंत्रिमंडल विस्तार किया जाएगा। विपक्ष नेता अजित पवार के द्वारा बार -बार मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर उठाए जा रहे सवाल पर उत्तर देते हुए फडणवीस ने कहा कि उन्हें यह भूलना नहीं चाहिए कि एमवीए की सत्ता आने के 30 से 32 दिनों बाद मंत्रिमंडल विस्तार किया गया था.इसके पहले तक सिर्फ पांच मंत्री सरकार चला रहे थे.

शिंदे और उद्धव ठाकरे की एक साथ आने की चल रही चर्चा के पूछे गए सवाल के जवाब में उपमुख्यमंत्री ने कहा कि चर्चा को हम महत्व नहीं देते राज्य की मौजूदा राजनीतिक परिस्थिति क्या है हमारे लिए यह महत्वपूर्ण है.उद्धव ठाकरे पर तंज कसते हुए डिप्टी सीएम ने कहा कि लोग इमोशनल स्पीच से जनता वोट नहीं करती उन्हें अपनी पार्टी के लिए काम करना चाहिए और हम अपनी पार्टी का काम कर रहे हैं राज्य की जनता ने ग्राम पंचायत चुनाव में हमारे गठबंधन को वोट दिया है

विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजित पवार द्वारा लगाए गए सचिवों को दिए गए अधिकार के आरोप का जवाब देते हुए उपमुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि अजित पवार के लगाए गए आरोप बेबुनियाद और निराधार है.उन्हें यह मालूम होना चाहिए की सचिव को अधिकार दिए गए है वो न्यायालय से सम्बंधित मामले को लेकर दिए गए है.उन्होंने कहा कि पिछली सरकार में भी सचिव को कुछ अधिकार दिए गए थे। राज्य में जब हमारी नेतृत्व वाली भाजपा -शिवसेना की सरकार थी उस समय कई मंत्रियों ने सचिवों को कुछ अधिकार दिए थे। उन्होंने कहा कि यह परंपरा महाराष्ट्र में नहीं बल्कि देश में है। अजीत पवार विपक्ष के नेता हैं, इसलिए वे ऐसे आरोप लगा रहे है.