नाना पटोले का नई सरकार से सवाल आरे में मेट्रो कारशेड बनाने का निर्णय गलत

मुंबई, एकनाथ शिंदे के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद भाजपा की अगुवाई वाली राज्य सरकार ने पहली बैठक में गोरेगांव के आरे कॉलोनी में फिर से मुंबई मेट्रो कारशेड बनाने की घोषणा कर मुंबईवासियों को पहला झटका दिया है। महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि आघाड़ी सरकार ने लोगों के स्वास्थ्य और पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए मेट्रो कारशेड को आरे कॉलोनी से कांजुरमार्ग में शिफ्ट करने का पैâसला लिया था लेकिन आरे में फिर से कारशेड पर जोर देना मुंबईवासियों के स्वास्थ्य और पर्यावरण के साथ खिलवाड़ है। इस संदर्भ में आगे बोलते हुए नाना पटोले ने कहा कि पर्यावरणविद और मुंबईकर आरे में मेट्रो कार शेड के निर्माण का कड़ा विरोध कर रहे हैं। मुंबईकरों और हजारों पर्यावरणविदों ने आरे में कारशेड को रोकने के लिए तत्कालीन फडणवीस सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर आंदोलन किया था लेकिन पुलिस बल का इस्तेमाल करते हुए फडणवीस सरकार ने प्रदर्शनकारियों पर अत्याचार किया और रातों-रात हजारों पेड़ काट दिए थे।
बाद में महाविकास आघाड़ी सरकार ने आरे में कार शेड नहीं बनाने का पैâसला करते हुए इसे कांजुरमार्ग में बनाने का फैसला किया लेकिन केंद्र की मोदी सरकार ने इस पर विवाद खड़ा कर दिया। नाना पटोले ने कहा कि यह जानते हुए भी कि मुंबईकर आरे में कारशेड का विरोध करेंगे, वहां पर हजारों करोड़ रुपए खर्च किए गए और बड़ी संख्या में पेड़ काट दिए गए। उन्होंने कहा कि हम विकास कार्यों के खिलाफ नहीं हैं। हम मुंबई मेट्रो परियोजना के भी खिलाफ नहीं हैं। पटोले ने कहा कि मेट्रो परियोजना स्थापित करने का निर्णय सबसे पहले कांग्रेस के नेतृत्ववाली सरकार ने मुंबई के लोगों की रोजाना यात्रा के दौरान होनेवाली समस्याओं को ध्यान में रखकर लिया था। कांग्रेस पार्टी न तो विकास के रास्ते में आड़े आती है और न ही इसका विरोध करती है। हमारी भूमिका विकास और पर्यावरण के बीच संतुलन बनाने की है। पटोले ने यह भी कहा कि अगर भाजपा की सरकार आरे में कार शेड बनाने की जिद पर अड़ी है तो जनता को समझना चाहिए कि वे किसके हितों को बचाना चाहती है।