दूध का दूध और पानी का पानी – अजीत पवार

मुंबई, महाविकास आघाड़ी सरकार के रहते हुए अंतिम समय तक यह परियोजना महाराष्ट्र में आए इसके लिए प्रयास किए गए, कुछ दल के लोग ऐसा कह रहे हैं कि अन्य मांग के कारण परियोजना राज्य से बाहर चली गई है? मैं उपमुख्यमंत्री के रूप में तब काम कर रहा था। ऐसी कोई बात नहीं हुई, संभ्रम पैदा करने का प्रयत्न किया जा रहा है। अगर किसी को ऐसा लग रहा है तो केंद्र-राज्य सरकार तुम्हारे हाथ में है, महत्वपूर्ण जांच एजेंसियां भी तुम्हारे qपवार ने `ईडी’ सरकार को दी है।
पवार ने कहा कि ऐसी खबरें हैं कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे दिल्ली जा रहे हैं। राकांपा नेता ने मुख्यमंत्री से वेदांता-फॉक्सकॉन परियोजना को वापस लाने के लिए हरसंभव प्रयास करने का आग्रह किया। पवार ने कहा कि कुछ लोग अफवाह पैâला रहे हैं कि वेदांता ने (एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली नई सरकार के) सत्ता में आने से पहले (गुजरात में अपना संयंत्र स्थापित करने का) निर्णय लिया था, जो सरासर झूठ है। पवार ने कहा कि राज्य के मुख्य सचिव के नेतृत्व में एक उच्चाधिकार समिति की बैठक १५ जुलाई को हुई थी, जबकि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली एमवीए सरकार जून में ही गिर गई थी। ऐसे शब्दों में अजीत पवार ने `ईडी’ सरकार को फटकार लगाई। उपमुख्यमंत्री फडणवीस ने शुक्रवार को कहा था कि इस साल जून के अंत में कार्यभार संभालने के बाद, उन्होंने वेदांता के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल से मुलाकात की थी और राज्य ने गुजरात के प्रस्ताव के समान कंपनी को एक विशेष पैकेज की पेशकश की थी, लेकिन उन्हें बताया गया कि परियोजना को पड़ोसी राज्य में स्थानांतरित करने का निर्णय अपने अंतिम चरण में है। फडणवीस ने कहा था, हमारे सत्ता में आने से पहले ही पैâसला हो गया था।
देश और राज्य में महंगाई, बेरोजगारी और कानून व्यवस्था का सवाल है। इन सभी चीजों को व्यवस्थित रखने की जगह तीसरे सवाल आगे लाए जा रहे हैं। आज देश में चीता आया ठीक है, पशुधन बढ़े यह भी ठीक है परंतु इससे लोगों की रोजी-रोटी की समस्या हल होगी क्या? वेदांता का क्या होगा? यह बताओ। युवाओं के हाथ में नौकरी मिलने के लिए कितने लाख करोड़ का निवेश लाओगे? ऐसा जोरदार सवाल राज्य के विरोधी qदल नेता अजीत पवार ने केंद्र सरकार से किया है।