मुंबई में पौने तीन करोड़ से अधिक का एमडी ड्रग्स बरामद, दो अफ्रीकी गिरफ्तार

मुंबई : मुंबई में शिक्षा, रोजगार, कारोबार, उपचार या पर्यटन के बहाने आनेवाले अफ्रीकी नागरिकों के मादक पदार्थों की तस्करी तथा ऑनलाइन फ्रॉड के मामलों में संलिप्तता की खबरें अक्सर सुनने को मिलती हैं। मुंबई में आने के बाद अफ्रीकी नागरिक अपना पासपोर्ट छिपा देते हैं अथवा फाड़कर फेंक देते हैं, ताकि पकड़े जाने पर उनकी नागरिकता स्पष्ट न हो सके और उन्हें उनके मूल देश डिपोर्ट न किया जा सके। ऐसे ही दो अफ्रीकी नागरिकों को मुंबई पुलिस की एंटी नार्कोटिक्स सेल (एएनसी) की बांद्रा यूनिट ने गिरफ्तार किया है।

आरोपियों के पास से करीब पौने तीन करोड़ से अधिक का एमडी ड्रग्स बरामद हुआ है। बांद्रा यूनिट के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक संजय चव्हाण के नेतृत्व में एपीआई सुरेश भोये व श्रीकांत कारकर की टीम द्वारा की गई जांच में पता चला कि आरोपी क्रमांक एक के खिलाफ पालघर के तुलिंज पुलिस थाने में हत्या का एक मामला भी दर्ज है। जमानत पर छूटने के बाद वह मादक पदार्थों की तस्करी करता पाया गया।

बता दें कि डीसीपी दत्ता नलावडे के निर्देश पर मादक पदार्थों की तस्करी-बिक्री में लगे समाज व देश के द्रोहियों की धरपकड़ के लिए एएनसी की बांद्रा यूनिट की टीम गश्त पर निकली थी। पनवेल हाइवे पर गश्त के दौरान मानखुर्द इलाके में टीम को दो अफ्रीकी नागरिक संदिग्ध रूप से घूमते नजर आए। एएनसी की टीम ने तत्परता दिखाते हुए दोनों संदिग्धों को हिरासत में लिया। उनकी तलाशी में पार्टी ड्रग्स एवं म्याऊ-म्याऊ के नाम से प्रचलित एक किलो एमडी ड्रग्स बरामद हुआ, जिसकी कीमत दो करोड़ ८० लाख रुपए आंकी गई है।

पुलिसिया जांच में पता चला कि नालासोपारा में रहनेवाले उक्त आरोपी ने ६ साल पहले अपने एक अफ्रीकी साथी की हत्या की थी। बताया जा रहा है कि फुटबॉल खेलने के दौरान दोनों के बीच झगड़ा हो गया था, जिसके बाद आरोपी ने बोतल तोड़कर अपने साथी पर हमला कर दिया था। बुरी तरह जख्मी होने की वजह से उसकी मौत हो गई थी। उस मामले में गिरफ्तारी के बाद आरोपी क्रमांक एक इसी साल अप्रैल में जमानत पर छूटा था। पुलिस अब उसके गिरोह में शामिल अन्य लोगों के साथ-साथ ये जानने का भी प्रयास कर रही है कि वह उक्त मादक पदार्थ कहां से लाया था और उसके ग्राहक कौन लोग हैं?