कर्ज होंगे महंगे, अगले महीने फिर बढ़ सकती हैं ब्याज दरें
मुंबई, देश की जनता महंगाई की मार से परेशान है। ये सब केंद्र की मोदी सरकार की अनीतियों का `कमाल’ है। केंद्र की अनीतियों ने ऐसा `कमाल’ किया है कि एक तरफ जहां जनता महंगाई में पिस रही है, वहीं दूसरी तरफ फेल होती नीतियों के चलते महंगाई बेलगाम हो गई है और इसने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। महंगाई की मार झेल रही जनता को एक बार फिर से आरबीआई अगले महीने झटका देने जा रहा है। बताया गया है कि यदि ब्याज दरों में वृद्धि होती है तो लोन महंगे हो जाएंगे। महंगे लोन का सीधे असर लोगों की जेबों पर पड़ेगा। सीधे शब्दों में कहें तो ब्याज दरों में वृद्धि से हाउसिंग, शिक्षा समेत कई तरह के लोन महंगे हो जाएंगे। यदि स्थितियां ऐसे ही रहीं तो सरकार की गलत नीतियों का खामियाजा जनता को आगे भी भुगतना पड़ेगा।
महंगाई ने आम आदमी की कमर तोड़ दी है। पेट्रोल-डीजल, तेल-दाल से लेकर रसोई गैस तक सब कुछ महंगा हो गया है। पेट्रोल और डीजल के दाम तो पांच दिन के अंदर छह बार बढ़े हैं। इसके अलावा रसोई गैस की कीमतों में भी बढ़ोतरी की गई है। दूध हो या फिर सब्जी रोजमर्रा की चीजों की कीमतें बेतहाशा बढ़ती जा रही हैं। आम नागरिक पर बोझ कम होने का नाम नहीं ले रहा है और महंगाई के दर्द से कराह रहा है।
पेट्रोल-डीजल, रसोई गैस और खाद्य पदार्थों की बेलगाम कीमतों ने घर की रसोई का पूरा बजट ही बिगाड़ दिया है। एक मध्यम वर्गीय परिवार पर १०-१५ हजार रुपए से अधिक का खर्च का बोझ बढ़ गया है। इसी तरह पेट्रोल और डीजल के दामों में भी इसी तरह की बढ़ोतरी देखी गई है। इसी के साथ गैस सिलिंडर का दाम दोगुना हो गया है।
आरबीआई ने मॉनिटरिंग पॉलिसी कमिटी की तीन नवंबर को एक विशेष बैठक बुलाई है, जो ५ से ७ दिसंबर को होनी थी। ऐसे में अचानक बुलाई गई एमपीसी की अतिरिक्त बैठक को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं कि आखिर तय समय से पहले बुलाई गई इस बैठक का एजेंडा क्या है? हालांकि यह भी बताया जा रहा है कि बीते कुछ महीनों में महंगाई ने तेजी से पैर पसारे हैं, जिसकी वजह से आरबीआई की चिंताएं बढ़ गई हैं। ऐसे में सरकार को रिपोर्ट देने के अलावा होने वाली बैठक में आरबीआई डॉलर के मुकाबले गिरते रुपए को संभालने और महंगाई को काबू करने के लिए फिर से रेपो रेट भी बढ़ा सकता है। यदि ऐसा हुआ तो हर तरह के लोन आदि महंगे हो जाएंगे।
वहीं दूसरी ओर बारिश से हुए भारी नुकसान से सब्जियों की कीमतों में आग लग गई है। मुंबई, ठाणे और पुणे जैसे शहरों में ग्वार, फूल गोभी, शिमला मिर्ची, भिंडी, पत्ता गोभी, बैगन जैसी सब्जियों के दाम बढ़ गए हैं। इसके साथ ही सब्जियों की आवक भी २५ से ३० प्रतिशत तक घट गई है। खेतों में जलभराव के कारण सब्जियां सड़ रही हैं और सब्जियों की कटाई में भी दिक्कतें पैदा हो रही हैं। फिलहाल नई सब्जियां तैयार होने और बाजार में पहुंचने में कम से कम एक से डेढ़ महीने का समय लग सकता है। इसलिए आवक के सामान्य होने तक सब्जियों की कीमतें अधिक रहने की संभावनाएं हैंै। ऐसे में आने वाला समय न सिर्फ गृहिणियों को रुलाएगा, बल्कि रसोई का बजट भी बिगाड़ेगा।