मुंबई महानगर पालिका चुनाव पर है नजर…महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ रहेगी एनसीपी और कांग्रेस

महाराष्ट्र : महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के इस्तीफे के बावजूद महाविकास आघाड़ी गठबंधन बरकरार रहेगा। शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और कांग्रेस मिलकर विपक्ष की जिम्मेदारी निभाएंगे। एनसीपी और कांग्रेस का कहना है कि महाविकास आघाड़ी सत्ता हासिल करने के लिए नहीं बना था, बल्कि यह विपक्षी एकता की मुहिम का हिस्सा था। इसलिए, एनसीपी और कांग्रेस फिलहाल शिवसेना का साथ नहीं छोड़ेंगे।
कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक, नई सरकार के बहुमत साबित करने के वक्त तीनों पार्टियां मिलकर विरोध करेंगी। विपक्ष के तौर भी महाविकास आघाड़ी आपसी समन्वय के साथ मुद्दे उठाएगा और सरकार को घेरेगा। इस बीच, प्रदेश कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं ने उद्धव ठाकरे से शिष्टाचार भेंट की है। प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सचिन सावंत के मुताबिक, यह विपक्षी एकता की मुहिम का हिस्सा है।
पार्टी के कई वरिष्ठ नेता गुरुवार को शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से मिले हैं,इससे साफ है कि तीनों पार्टियां महाराष्ट्र में मिलकर काम करेंगी और लोगों से जुडे मुद्दों को उठाएंगी। एनसीपी प्रवक्ता बृजमोहन श्रीवास्तव ने कहा कि अभी तक गठबंधन खत्म करने का फैसला नहीं हुआ है। सभी घटकदल एकसाथ हैं। उन्होंने कहा कि नई सरकार के विश्वासमत के वक्त शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के मिलकर वोट करने की पूरी संभावना है।
मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) के चुनाव भी जल्द होने हैं। शिवसेना के लिए बीएमसी के चुनाव बेहद अहम हैं। बीएमसी को शिवसेना की सबसे बड़ी ताकत माना जाता है। प्रदेश कांग्रेस एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि हमारी कोशिश होगी कि महाविकास आघाड़ी मिलकर बीएमसी चुनाव लड़े। यह सवाल किए जाने पर कि क्या शिवसेना मिलकर चुनाव लड़ेगी, उन्होंने कहा कि यह निर्णय शिवसेना को लेना है। पर हम अपनी तरफ से यह प्रयास जरुर करेंगे कि एमवीए मिलकर चुनाव लड़े।