मानसून में बढ़ी एसी लोकल की मांग

मुंबई, गर्मी के सीजन में एसी लोकल ने रेल यात्रियों को खूब लुभाया। अब असली परीक्षा मानसून में थी लेकिन बारिश में भी एसी लोकल यात्रियों को रास आ रही है। इसके पीछे की वजह इन दिनों हो रही बरसात है। आम लोकल में बरसात की बौछार की मार झेल रहे यात्री अब एसी लोकल का सहारा ले रहे हैं ताकि बरसात की मार और बीमारी से भी बच सकें।
बता दें कि पश्चिम और मध्य रेलवे में प्रति लोकल यात्री संख्या का औसत बढ़ता जा रहा है। मध्य रेलवे में अब औसतन ७३० लोग प्रति लोकल यात्रा करने लगे हैं यानी ऑक्यूपेंसी ७१ प्रतिशत हो गई है। इसी तरह पश्चिम रेलवे में औसतन १,१७९ लोग प्रति सर्विस यात्रा करने लगे हैं। वैसे, चरणबद्ध तरीके से मुंबई की सभी लोकल एसी में बदलने वाली हैं।
२० जून से पश्चिम रेलवे में एसी लोकल सेवाओं को ३२ से बढ़ाकर ४० किया गया था, इसके बाद लगातार यात्री बढ़ते जा रहे हैं। २७ जून को पश्चिम रेलवे में १,८०५ यात्री प्रति सर्विस का रिकॉर्ड औसत दर्ज किया गया। इस वित्तीय वर्ष में पश्चिम रेलवे पर एसी लोकल में प्रति सर्विस यात्रियों का औसत लगातार १,१०० से अधिक ही रहा है। ५ मई २०२२ से रेलवे ने एसी लोकल के दैनिक किरायों में कटौती की थी। इसके बाद पश्चिम रेलवे ने अपनी सेवाएं २० से बढ़ाकर ३२ की थी। २० जून को एक बार फिर यहां सेवाएं बढ़ाकर ४० कर दी गईं। हालांकि पश्चिम रेलवे को अभी कोई अतिरिक्त रेक नहीं मिला है लेकिन मौजूदा चार रेक से ही ४० सेवाएं चलाई जा रही हैं।
शुरुआत में जिस एसी लोकल को चलाने से रेलवे घबरा रही थी, अब वही डिमांड में है। रेलमंत्री और वरिष्ठ अधिकारियों ने भी बताया कि रोजाना कई यात्री संघों द्वारा एसी लोकल सर्विस बढ़ाने की डिमांड होती है। इनका उत्पादन चल रहा है। फिलहाल जल्द ही दो एसी लोकल के रेक मुंबई में आने की उम्मीद है। इनसे औसतन २० सर्विस बढ़ाई जा सकती है। अगले एक या दो महीनों में मुंबई में कम से कम ११० एसी लोकल दौड़ने वाली हैं।