हिम्मत थी तो आपको भी नई पार्टी बनानी चाहिए थी, प्रतिपक्ष अजीत पवार ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को चुनौती दी

मुंबई, शासकों के पास जनता के सामने जाने का अब कोई मुद्दा नहीं है। इसलिए भावनात्मक मुद्दे सामने लाए जा रहे हैं। सत्ता का नशा और मस्ती उनके दिमाग में चढ़ गई है, जिन्होंने पार्टी स्थापित की उनसे ही पार्टी छीन ली। हिम्मत थी तो आपको भी नई पार्टी बनानी चाहिए थी। इन शब्दों में अप्रत्यक्ष रूप से नेता प्रतिपक्ष अजीत पवार ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को चुनौती दी।

कोल्हापुर में राकांपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए अजीत पवार ने सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सरकार के खिलाफ लोगों के मन में आक्रोश है। इसलिए सत्ताधारी बहाना बनाकर चुनाव आगे टाल रहे हैं। महानगरपालिका के चुनाव नवंबर-दिसंबर में होने की संभावना है। इसलिए हमें अभी से पूरी ताकत झोंक देनी है। उन्होंने कहा कि राकांपा नेता नवाब मलिक शुरुआत से समीर वानखेडे के बारे में क्या कह रहे थे? नवाब मलिक बोल रहे थे, तब उन्हें बदनाम किया गया। द्वेष की भावना से किसी के विरोध में काम करना, ऐसा महाराष्ट्र में कभी नहीं हुआ।

अजीत पवार ने कहा कि किसानों को ५० हजार रुपए की मदद अभी तक नहीं दी गई है। किसानों की इतनी समस्याएं हैं, लेकिन सरकार क्या कर रही है? महिलाओं को एसटी बस में मुफ्त यात्रा की बजाय रसोई गैस की कीमतें कम करते तो महिलाओं को ज्यादा राहत मिलती। यह कैसी आम लोगों की सरकार है?

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