महिला में धड़का ब्रेन डेड मरीज का दिल

मुंबई, विजयवाड़ा की रहनेवाली एक ३५ वर्षीय महिला के शरीर में एक ब्रेनडेड मरीज का दिल धड़का। यह हार्ट ट्रांसप्लांट कावेरी हॉस्पिटल चेन्नई में सफलतापूर्वक पूरा किया गया। महिला हाइपरट्रॉफिक ऑब्सट्रक्टिव कार्डियोमायोपैथी से पीड़ित थी। यह एक ऐसी बीमारी है, जिसमें हृदय की मांसपेशियां मोटी (हाइपरट्रॉफिक) हो जाती हैं और इस तरह हृदय के लिए रक्त परिसंचरण, यानी ब्लड को पंप करना बेहद कठिन हो जाता है।
इस ट्रांसप्लांट के लिए वेल्लोर के सरकारी अस्पताल में एक ब्रेन-डेड मरीज से ऑर्गन प्राप्त किया गया। जिंदगी बचानेवाली इस मुहिम के तहत, वेल्लोर जीएच से कावेरी अस्पताल चेन्नई तक एक ग्रीन कॉरिडोर तैयार किया गया और प्राप्त किए गए ऑर्गन को १ घंटे १५ मिनट के भीतर सकुशल पहुंचाया गया।
महिला की इस बीमारी का पता २०१० में लगा था। चार साल बाद महिला ने सफलतापूर्वक एक बच्चे को जन्म दिया। हालांकि लगातार थकान महसूस होना, धड़कन तेज होना, सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षण बरकरार रहे, साथ ही गर्भावस्था के पूरे चरण में उसकी सावधानीपूर्वक निगरानी की गई।
डॉ. मणिवन्नन सेल्वाराज, मैनेजिंग डायरेक्टर, कावेरी ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स, कहते हैं, ‘ऑर्गन ट्रांसप्लांट लोगों की जान बचाने वाली प्रक्रिया है और बहुत से लोगों को हार्ट एवं लंग्स ट्रांसप्लांट की जरूरत होती है। धीरे-धीरे लोगों के बीच अंगदान के बारे में जागरूकता बढ़ रही है और हमने देखा है कि कई परिवार अपने मृत प्रियजनों के अंगदान के लिए आगे आ रहे हैं। ऑर्गन ट्रांसप्लांट के लिए डॉक्टरों, सर्जनों, एनेस्थेटिस्ट, नर्सों और कोऑर्डिनेटर की विशेषज्ञ टीम की जरूरत होती है।