फेरीवालों को 6 माह बाद मिलेगा लाइसेंस…राज्य सरकार ने नियुक्त किया नोडल अधिकारी

मुंबई : पिछले आठ सालों से लाइसेंस की आस में बैठे फेरीवालों को अब लाइसेंस मिल सकता है, हालांकि इसके लिए उन्हें अभी भी छह महीने का इंतजार करना होगा। राज्य सरकार ने फेरीवालों को जगह और लाइसेंस देने के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किया है। राज्य सरकार के निर्णय से अगले 6 महीने में लाइसेंस और जगह दोनों ही उपलब्ध होंगी।

मनपा द्वारा फेरीवालों का आठ साल पूर्व किए गए सर्वेक्षण में 99 हजार फेरीवालों में से लगभग 30 हजार फेरीवालों को पात्र किया गया है। लेकिन पिछले आठ साल से वे अभी तक लाइसेंस पाने के लिए तरस रहे हैं। फेरीवाला समिति द्वारा कुल 404 सड़कों पर 30 हजार 832 फेरीवाला जगह के रूप में निश्चित किये गए हैं।

इन्हीं सड़कों पर पात्र फेरीवालों को अपना काम शुरू करने की सुविधा दी जाएगी। मनपा उपायुक्त संजोग कबरे ने बताया कि राज्य सरकार ने फेरीवाला नीति लागू करने के लिए नगर परिषद निदेशालय के डायरेक्ट को नोडल ऑफिसर के रूप में नियुक्त किया है। मनपा उनसे समन्वय कर पॉलिसी को लागू करेगी। मनपा अधिकारी ने बताया कि जब तक पुराने सर्वे में पात्र फेरीवालों का पुनर्वसन नहीं हो जाता तब तक नया सर्वे नहीं होगा।

मनपा की पहली प्राथमिकता पात्र हॉकर्स वालों को जगह उपलब्ध कराना है। इस बाबत भाजपा विधायक राजहंस सिंह ने पिछले दिनों मनपा आयुक्त इकबाल सिंह चहल से मिलकर मुंबई में जल्द से जल्द फेरीवाला नीति को लागू करने की मांग की थी। केंद्र सरकार ने राज्यों में अनधिकृत रूप से दुकान लगाने वाले फेरीवालों को स्थायी पहचान पत्र देने के लिए 1 मई 2014 को फेरीवाला अधिनियम बनाया था।

जिसके बाद मनपा ने सर्वे कर पात्र फेरीवालों की पहचान की, हालांकि नीति को अभी तक लागू नहीं किया जा सका है। फेरीवाला समिति में फेरीवालों का प्रतिनिधि होने से उनके मन में किसी तरह की आशंका नहीं रहेगी। फेरीवालों को आई-कार्ड भी जारी किए जाएंगे, लेकिन स्टेशनों, चुनिंदा धर्मस्थलों के आसपास फेरीवालों को जगह आवंटित नहीं की जाएगी।

फेरीवालों सिर्फ उत्तर भारतीय ही नहीं हैं…
भाजपा विधायक राजहंस सिंह ने कहा मुंबई में फेरीवाला पॉलिसी काफी पहले लागू हो जानी चाहिए थी। एकनाथ शिंदे-देवेंद्र फडणवीस सरकार आने के बाद हमें उम्मीद है कि जल्द-से-जल्द फेरीवालों को उनका हक मिलेगा। फेरीवाला सिर्फ उत्तर भारतीय ही नहीं मराठी से लेकर अन्य भाषी समाज के लोग हैं। इस गरीब तबके का पुनर्वसन होना चाहिए।

जनसंख्या के आधार पर हो लागू
मनपा में विरोधी पक्ष नेता रहे रवि राजा ने कहा की फेरीवाला पॉलिसी लागू करने में समय नहीं लगना चाहिए। वर्ष 2014 में केंद्र द्वारा पास कानून के तहत जनसंख्या के आधार पर ही इसे लागू किया जाना चाहिए। इससे ज्यादा फेरीवालों का फायदा होगा। इसे 5 साल के भीतर लागू करना चाहिए था। हमें उम्मीद है कि राज्य सरकार और मनपा नियम के तहत काम करते हुए कहा उनका हक देगी ।