फटका गैंग का खौफ

मुंबई, मुंबई की लोकल और लंबी दूरी की गाड़ियों में एक खौफ था। इस खौफ का नाम था `फटका गैंग’। हाथों में कपड़े का एक टुकड़ा लिए घूमता यह गैंग आंखों से काजल चुराने का भी हुनर रखता है। जरा सी नजर चूकी नहीं कि गैंग के कलाकार एक ही झटके में मोबाइल पर हाथ साफ कर देते हैं। जब तक पता चलता है तब तक तो मोबाइल एक हाथ से होता हुआ न जाने कहां पहुंच जाता है? यह गैंग जीआरपी पुलिस और आरपीएफ को झटका देता फिर रहा है। पुलिस विभाग इस गैंग पर पूरी तरह से अंकुश लगाने में नाकाम साबित हुआ है। मध्य रेलवे में पिछले पांच वर्षों में १,४०९ वारदातें हुई हैं, जबकि मात्र १० फीसदी मामले पुलिस और आरपीएफ सुलझा पाई है।
आरपीएफ से मिली जानकारी के मुताबिक वर्ष २०१८ में फटका गैंग ने ८११ वारदातों को अंजाम दिया था, जिसमें पुलिस और आरपीएफ ने मात्र ६८ मामलों को सुलझाया है। ६४ आरोपियों को गिरफ्तार भी किया गया है। वर्ष २०१९ में ५१३ मामले सामने आए, जिसमें ४७ का निपटारा किया गया। इन मामलों में ५० आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। हालांकि वर्ष २०२० में लॉकडाउन के कारण वारदातें कम हुईं। कोरोना काल में ६९ मामले सामने आए, वहीं २०२१ में १० और इस वर्ष यानी २०२२ के सितंबर महीने तक ६ मामले दर्ज किए गए हैं। पिछले पांच वर्षों में मात्र जीआरपी और आरपीएफ ने मात्र १३६ मामले ही सुलझा पाई है। जबकि १,४०९ मामले दर्ज किए गए हैं। इन मामलों में १३६ आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।
मध्य रेलवे के नवनियुक्त डीएससी ऋषि कुमार शुक्ला ने बताया कि विभाग फटका गैंग पर पूरी तरह से अंकुश लगाने का प्लान बना रहा है। इस गैंग की जड़ तक पहुंचने के लिए जीआरपी पुलिस की मदद ली जाएगी, वहीं यात्रियों से भी आह्वान किया जाता है कि ऐसे गैंग के लोगों से सावधान रहें।