वाहन चालकों को गलत साइड से गाड़ी चलाना पड़ा महंगा…

मुंबई : मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर संजय पांडे ने सड़क पर गलत साइड पर गाड़ी चलने वाले लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया था। इसके बाद चार ही महीने में 20,000 से अधिक लोग इस कदम के नतीजों का सामना कर रहे हैं। पिछले साल मार्च के महीने में मुंबई के तत्कालीन पुलिस कमिश्नर संजय पांडे ने बड़ा फैसला किया था। संजय पांडे ने कार और बाइक चालकों द्वारा सड़क के गलत साइड पर चलने वाले लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया था। इसके बाद चार महीने में 20,000 से अधिक लोग इस कदम के नतीजों का सामना कर रहे हैं। लोगों ने शिकायत की कि पिछले साल संशोधित कानून बिना किसी जागरूकता के लागू किया गया था। इसके लिए उचित साइनेज को भी नहीं लगाया गया जो विभाग की प्राथमिकता होनी चाहिए थी।
इस बीच पूर्व पुलिस प्रमुख संजय पांडे रिटायर हो गए हैं, यह अभियान अभी भी जारी है, जिससे लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। पहले पुलिस गलत साइड वाले ड्राइवरों और सवारों पर सिर्फ जुर्माना लगाकर छोड़ देती थी, लेकिन अब, उनमें से ज्यादातर को पुलिस स्टेशन और फिर कोर्ट में घंटों समय बिताना पड़ता है। बता दें कि 6 मार्च के आदेश में आईपीसी की धारा 279 (रैश ड्राइविंग) और 336 (दूसरों के जीवन या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालने वाला कार्य) और मोटर वाहन अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत उल्लंघन करने वालों के खिलाफ मामला दर्ज करने का आदेश दिया गया है। ये आदेश आने के बाद से मुंबई पुलिस ने अब तक 20 से अधिक लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।
इस आदेश का मतलब था कि जो लोग ने अपनी जिंदगी में कभी पुलिस थाने के अंदर कदम नहीं रखा, उनको अभी पता चला कि कानून के चक्कर में पड़ना इतना कठिन और थकाऊ क्यों है। उनकी परेशानियां सिर्फ एक प्राथमिकी के साथ खत्म नहीं होती है, पुलिस उन्हें एक गारंटर पेश करने के लिए कहती है, जिसके पास पहचान वाले डाक्यूमेंट्स होने चाहिए, और उसके बाद ही उन्हें कोर्ट में जब भी बुलाया जाए तो आना होगा, इस आदेश के साथ उन्हें जाने की इजाजत दी जाती है।